मुख्तार अंसारी बांदा जेल के लिए रवाना, कड़ी सुरक्षा में 10 गाड़ियों के काफिले के साथ ला रही है यूपी पुलिस
पंजाब पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया है। मंगलवार दोपहर ढाई बजे अंसारी को रोपड़ जेल से लेकर यूपी पुलिस बांदा के लिए रवाना हो गई है। यूपी पुलिस के कड़े पहरे में अंसारी को हरियाणा व दिल्ली के रास्ते बांदा ले जाया जा रहा है। अंसारी की एंबुलेंस के साथ यूपी पुलिस की 10 गाड़ियों का काफिला है। अंसारी की सेहत ठीक नहीं होने के कारण यूपी पुलिस के साथ 4 डॉक्टरों की एक टीम भी है। अंसारी को ले जाने के लिए यूपी पुलिस की एक पार्टी रविवार देर रात ही रोपड़ पहुंच चुकी थी। सूत्रों मुताबिक रास्ते में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए अंसारी को बीच-बीच में दूसरी गाड़ियों में भी शिफ्ट किया जा सकता है।
8 जनवरी 2019 को मोहाली के एक बड़े बिल्डर की शिकायत पर वहां की पुलिस ने अंसारी के खिलाफ 10 करोड़ की फिरौती मांगने का केस दर्ज किया था। 12 जनवरी को प्रोडक्शन वारंट हासिल करने के लिए पुलिस कोर्ट पहुंची। 21 जनवरी 2019 को मोहाली पुलिस मुख्तार अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर उत्तर प्रदेश से मोहाली ले आई। 22 जनवरी को कोर्ट ने उसे एक दिन की रिमांड पर भेज दिया। 24 जनवरी को उसे न्यायिक हिरासत में रोपड़ जेल भेज दिया गया।
गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से भाजपा विधायक अलका राय ने इस संबंध में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को तीन बार चिट्ठी लिखी है। इसमें अलका का सवाल है कि मुख्तार जैसे अपराधी को पंजाब सरकार क्यों बचा रही है, प्रियंका से उन्होंने अंसारी को सजा दिलाने में मदद करने की अपील की थी। दरअसल, अलका के पति पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर है। इस केस में कोर्ट मुख्तार को बरी कर चुकी है।
दो साल में उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम 8 बार अंसारी को लेने पंजाब गई, लेकिन हर बार सेहत, सुरक्षा और कोरोना का कारण बताकर पंजाब पुलिस ने सौंपने से मना कर दिया। पंजाब पुलिस डॉक्टर की सलाह का हवाला देती रही कि अंसारी को डिप्रेशन, शुगर, रीढ़ की बीमारियां हैं। ऐसे में उसे कहीं और शिफ्ट करना ठीक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने कहा था कि मुख्तार अंसारी पर 15 केस दर्ज हैं और वह गैंगस्टर की श्रेणी में आता है। वह पंजाब की जेल में मौज कर रहा है। उसके न आने से उत्तर प्रदेश की अदालतों में उसके खिलाफ सुनवाई रुकी हुई है। पंजाब सरकार के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि UP सरकार की मांग संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वकील की दलील ठुकरा दी थी। दूसरी ओर मोहाली की कोर्ट में 12 अप्रैल को सुनवाई विडियो कांफ्रेंसिंग से होगी।