शरद गुट ने नीतीश को जदयू अध्यक्ष पद से हटाया, छोटूभाई वासवा कार्यकारी अध्यक्ष
महागठबंधन से अलग होकर बिहार में बीजेपी के साथ नई सरकार बनाने के बाद से ही नीतीश कुमार से नाराज चल रहे जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव देशभर में उनके खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में जेडीयू के शरद गुट ने नीतीश कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाते हुए गुजरात से विधायक छोटू भाई वसावा को जनता दल यूनाइटेड का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
इतना ही नहीं, शरद गुट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक अनुशासनात्मक समिति का भी गठन किया है। शरद गुट के इस कदम से जेडीयू टूट की तरफ एक कदम और बढ़ चुकी है। जेडीयू नेता अरुण कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को बताया कि जेडीयू की 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी' की बैठक में यह फैसला किया। हाल ही में गुजरात से राज्य सभा की 3 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल की जीत में वसावा के वोट का अहम योगदान था।
मीडिया से बातचीत के दौरान श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को रद्द कर वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। पार्टी के उपाध्यक्ष के. राजशेखरन की अध्यक्षता में हुई कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमे द्वारा महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ गठजोड़ करने सहित अन्य फैसलों को भी रद्द कर दिया।
यादव गुट से नजदीकी बढ़ाए जाने के कारण पार्टी के महासचिव पद से निकाले गए नेता अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक में पार्टी नेता जावेद रजा द्वारा पेश संगठन संबंधी प्रस्ताव में नीतीश कुमार की ओर से पार्टी के चुनाव अधिकारी बनाए गए अनिल हेगड़े की नियुक्ति को रद्द करने के सुझाव को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही, हेगड़े द्वारा की गई पदाधिकारियों की नियुक्ति तुरंत रद्द हो गई।
उन्होंने बताया कि बैठक में देशभर से आए जेडीयू नेताओं ने नीतीश खेमे द्वारा बीजेपी से गठजोड़ करने को जनादेश का अपमान बताते हुए इस फैसले को रद्द किया है। इसके अलावा हाल ही में नीतीश द्वारा जेडीयू पदाधिकारियों को पार्टी से निकालने के फैसले को भी निष्प्रभावी घोषित कर हटाए गए प्रदेश अध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों को उनके पद पर बहाल कर दिया।
राज्यसभा सांसद अली अनवर के साथ, श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि उनका दल भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि हमने जेडीयू की गुजरात इकाई के अध्यक्ष और छह बार के विधायक छोटूभाई वसावा को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से तय किया है कि जब तक पार्टी का नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता उनका गुट छोटूभाई के नेतृत्व में काम करेगा। श्रीवास्तव ने दावा किया कि जेडीयू के ज्यादातर राज्य प्रमुख और कार्यकर्ता उनके साथ हैं।
इस दौरान श्रीवास्तव ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित 19 राज्य इकाईयों के अध्यक्षों और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के हिस्सा लेने का दावा करते हुए शरद गुट को ही असली जेडीयू बताया। पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर उन्होंने कहा कि आयोग ने हमारे दावे को खारिज नहीं किया है, सिर्फ उसे ‘अलग रख’ दिया है। शरद गुट पार्टी के चुनाव चिह्न के मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग से मुलाकात करेगा और संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ समय मांगेगा।
उन्होंने कहा कि हमने पहले अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज नहीं दिया था। हमने कुछ और दस्तावेज जमा कराने के लिए एक महीने का समय दिए जाने की मांग की है। हम अगले 10 से 15 दिन में उन्हें दस्तावेज जमा करा देंगे। श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान यह भी कहा कि शरद यादव ने अपने 'साझा विरासत' अभियान के तहत देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया था, जिसमें अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया था।
शरद यादव की भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी ने उन्हें समाजवादी विचारधारा वाले दलों को साझी विरासत अभियान के माध्यम से एक मंच पर लाकर भविष्य में महागठबंधन को प्रभावी स्वरूप में गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। श्रीवास्तव ने कहा कि शरद गुट ने अभी तक फैसला नहीं किया है कि वह यूपीए में शामिल होगी या नहीं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान ये जरुर कहा कि विपक्षी दलों के एक महानगठबंधन को आकार में लेने की संभावना है। साथ ही, यह भी कहा कि कांग्रेस, राजद और वामपंथी दल हमारे साथ हैं, और हम महसूस करते हैं कि आने वाले दिनों में यह एक गठबंधन के आकार में आ जाएगा, जिसे आप एक महागठबंधन कह सकते हैं।
बता दें कि बैठक के दौरान शरद यादव के अलावा पूर्व मंत्री रमई राम, राज्य सभा सदस्य अली अनवर, पूर्व सांसद अर्जुन राय, पूर्व विधान पार्षद विजय वर्मा, पूर्व विधायक परवीन अमानुल्ला, सरोज बच्चन और उदय मांझी भी मौजूद थे।