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08 April 2019

अब हर विधानसभा के पांच बूथ पर VVPAT मिलान करेगा चुनाव आयोग, सु्प्रीम कोर्ट का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग को ईवीएम और वीवीपैट के मिलान का दायरा बढ़ाने के लिए कहा है। कोर्ट ने  निर्देश दिया है कि लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वालीं सभी विधानसभाओं के 5 बूथों पर ईवीएम और वीवीपैट का मिलान किया जाए। पहले प्रत्येक विधानसभा के एक ही मतदान केंद्र पर पर्चियों का मिलान किया जाता था। पर्चियों के ज्यादा से ज्यादा मिलान के लिए 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी अपील पर कोर्ट ने यह फैसला दिया है। हालांंकि विपक्षी दलों ने 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के पचास फीसदी मिलान की बात कही थी। लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने विपक्षी पार्टियों की इस मांग  पर सहमति नहीं जताई।

अभी सिर्फ 1 पोलिंग बूथ पर होता है मिलान

अभी तक  विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है। वहीं, आम चुनाव में लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों की एक-एक पोलिंग बूथ पर ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान होता है।

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अदालत का आदेश विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अदालत ने केवल पेपर ट्रेल का उपयोग करके ईवीएम सत्यापन की मात्रा में 1.99 प्रतिशत की वृद्धि की है, यानी कुल 10.35 लाख ईवीएम में से, केवल 20,625 का उपयोग परिणामों को सत्यापित करने के लिए मतगणना में किया जाएगा। शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुसार, हर जगह 5 ईवीएम की वीवीपैट पर्ची भौतिक गणना के अधीन होगी। अदालत ने कहा कि वीवीपैट में वृद्धि को न तो अतिरिक्त जनशक्ति की आवश्यकता होगी और न ही लोकसभा चुनाव के परिणामों में देरी होगी।

सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्चियों की वास्तविकता को प्रमाणित करने के लिए स्लिप पर उल्लिखित जानकारी और प्रक्रिया के बारे में पोल पैनल से कई सवाल पूछे।अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि चुनाव आयोग ने ईवीएम को सत्यापित करने के लिए एक उचित नमूना आकार के बारे में भारतीय सांख्यिकी संस्थान से कहा था। विपक्षी दलों ने ईवीएम मशीनों की संख्या बढ़ाकर 5.17 लाख करने की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि मतदाताओं के विश्वास और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए  निर्देश जारी किया गया था। इस फैसले पर आयोग के प्रवक्ता ने कहा, "ईसीआई उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का हर संभव प्रयास करेगा।"

विपक्षी दलों ने लगाई थी गुहार

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 21 विपक्षी दलों की इस मांग से सहमति नहीं जताई कि 50 प्रतिशत मामलों में ईवीएम-वीवीपैट के परिणामों का मिलान यह कहते हुए किया जाएगा कि इसके लिए भारी जनशक्ति की आवश्यकता होगी और यह ढांचागत कठिनाइयों के मद्देनजर संभव नहीं होगा।

पीठ ने इस मुद्दे पर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू सहित विपक्षी दलों द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना को भी शामिल किया।

वोट डाले जाने के बाद, मतदान केंद्र जहां वीवीपैट की पर्ची का ईवीएम परिणामों के साथ मिलान किया जाता है, उम्मीदवारों की उपस्थिति में लॉट या लॉटरी प्रणाली के ड्रा द्वारा निर्णय लिया जाता है।

मतदाता-सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल या पेपर ट्रेल मशीन एक उपकरण है जो पार्टी के प्रतीक के साथ एक पर्ची निकालता है, जिससे पता चलता है कि व्यक्ति ने जिस पार्टी के लिए वोटिंग मशीन का बटन दबाया है वोट उसी को गया है या नहीं।

मतदाता पर्ची घर नहीं ले जा सकते

पर्ची सात सेकंड के लिए एक छोटी खिड़की पर दिखाई देती है और फिर एक बॉक्स में गिरती है। मतदाता इसे घर नहीं ले जा सकता। VVPAT का उपयोग सभी मतदान केंद्रों में किया जाता है। अब तक EVM और VVPAT के परिणाम प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केंद्र से लिए जाते थे।

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TAGS: Paper trail matching, Election Commission, EC, SC, Supreme Court, EVM, VVPAT
OUTLOOK 08 April, 2019
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