करतारपुर कॉरिडोर: सुषमा स्वराज के बाद कैप्टन अमरिंदर ने पाक का निमंत्रण नहीं स्वीकारा
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शामिल होने का पाकिस्तान का निमंत्रण ठुकरा दिया है। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी कार्यक्रम में जाने पर असमर्थता जताई थी।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पत्र लिखकर इस ऐतिहासिक आयोजन का स्वागत किया है, लेकिन इस कार्यक्रम में अपने शामिल न होने को लेकर खेद जताया है। उन्होंने पाकिस्तान न जाने की दो वजहें बताई हैं। पहली वजह यह है कि ऐसा कोई भी दिन नहीं बीतता जब जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा पर भारतीय जवान शहीद नहीं होते। उन्होंने कहा कि स्तिथियां सामान्य होने की बजाय बिगड़ती जा रही हैं।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दूसरी वजह यह बताई है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि मार्च 2017 में उनकी सरकार बनने के बाद आईएसआई से जुड़े 19 मॉड्यूल का पता चला है, 81 आतंकवादी पकड़े गए और उनके पास से जो हथियार मिले हैं वे पाक निर्मित हैं। उन्होंने पिछले रविवार को अमृतसर के पास ग्रेनेड हमले में भी पाकिस्तान के शामिल होने का जिक्र किया।
सुषमा स्वराज की जगह दो मंत्री जाएंगे पाकिस्तान
करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भारत की तरफ से दो केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवम्बर को कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले पाक के विदेश मंत्रालय ने सुषमा स्वराज, नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को आने का न्योता दिया था। सुषमा ने शुक्रिया जताते हुए पूर्व प्रतिबद्धताओं के चलते शामिल होने से इनकार कर दिया। माना जा रहा है कि भारत के मंत्रियों के पाक दौरे से दोनों देशों के बीच चल रही तल्खी कम होगी।
सुषमा ने जवाब में लिखा, "न्योता देने के लिए शुक्रिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते मैं कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाऊंगी। सिखों की भावनाओं को देखते हुए पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पहुंचने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। आपके 28 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में हम भारत के दो मंत्रियों हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी को भेजेंगे।''
सिद्धू को विदेश मंत्रालय से इजाजत का इंतजार
उधर, पंजाब के मंत्री और भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के न्योते को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि वे इस मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लेकिन उन्हें विदेश मंत्रालय से इजाजत का इंतजार है। उन्होंने एक पत्र में लिखा है कि उनका परमिशन लेटर विदेश मंत्रालय के पास है।
पाकिस्तान और भारत ने कही थी कॉरिडोर बनाने की बात
गुरुवार को भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने-अपने क्षेत्र में कॉरिडोर बनाने की बात कही थी। अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर बनाया जाएगा।
लंबे वक्त से कॉरिडोर बनाने की हो रही थी मांग
गुरुनानक देव ने करतारपुर साहिब में 18 साल बिताए थे। यह स्थान भारतीय सीमा से कुछ किलोमीटर दूर पाकिस्तान में है। यहां हर साल काफी श्रद्धालु आते हैं। लंबे समय से एक कॉरिडोर बनाकर इसे भारत के गुरदासपुर से जोड़ने की मांग हो रही थी।
सिद्धू के पाक दौरे में विवाद भी हुआ था
करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर उस वक्त सियासत गरमाई थी, जब नवजोत सिद्धू जुलाई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में गए थे। इस दौरान उनके पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर विवाद हुआ। सिद्धू ने अपने बचाव में कहा था कि जब बाजवा ने उनसे करतारपुर का रास्ता खोलने की बात कही, तभी उनसे गले मिला। इसके बाद सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मामले में पत्र लिखकर करतारपुर का रास्ता खोलने की मांग की थी।
Since I am unable to travel to Kartarpur Sahib on the scheduled date, Government of India will be represented by my esteemed colleagues Mrs.Harsimrat Kaur Badal and Mr.H.S.Puri. /2
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) November 24, 2018
Responding to invitation of Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi to attend opening ceremony of #KartarpurCorridor corridor,Navjot Singh Sidhu writes "I look forward to meeting you on this historic occasion. My application for permission to attend is now lodged with MEA" pic.twitter.com/4NexsNPtxS
— ANI (@ANI) November 25, 2018