10 सवालों के जवाब न मिलने पर राहुल ने कहा, तो क्या अब ‘भाषण ही शासन’ है?
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए जारी मतदान के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना 11वां सवाल भी दाग दिया है। इस बार उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा है कि उनके भाषणों में 'विकास' कहां है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिदिन एक सवाल पूछने का सिलसिला आज भी जारी रखा। राहुल ने कहा कि क्या अब भाषण ही शासन है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी पूछा कि अब तक वह 10 सवाल पूछ चुके हैं, लेकिन किसी का भी पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब नहीं दिया है। साथ ही, बीजेपी की ओर से घोषणापत्र जारी न करने पर भी निशाना साधा। बता दें कि बीजेपी ने इस चुनाव में पहले चरण्ा के मतदान के करीब 17 घ्ांटे पहले ही चुनावी वादों का दस्तावेज संकल्प पत्र के नाम से जारी किया।
राहुल ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा 'मैं केवल इतना पूछूंगा..क्या कारण है इस बार प्रधानमंत्री जी के भाषणों में ‘विकास’ गुम है..मैंने गुजरात के रिपोर्ट कार्ड से 10 सवाल पूछे उनका भी जवाब नहीं..पहले चरण का प्रचार खत्म होने तक घोषणा पत्र नहीं..तो क्या अब ‘भाषण ही शासन’है? उनके आखिरी सवाल से फिल्म बाहुबली का चर्चित डॉयलॉग 'मेरा वचन ही शासन है' की याद आ गई है।
गुजरात में 22 सालों से भाजपा की सरकार है।
मैं केवल इतना पूछूंगा-
क्या कारण है इस बार प्रधानमंत्री जी के भाषणों में ‘विकास’ गुम है?
मैंने गुजरात के रिपोर्ट कार्ड से 10 सवाल पूछे, उनका भी जवाब नहीं।
पहले चरण का प्रचार ख़त्म होने तक घोषणा पत्र नहीं।तो क्या अब ‘भाषण ही शासन’ है?
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 9, 2017
इससे पहले शुक्रवार को राहुल ने गुजरात में आदिवासी समुदाय से जमीन छीनने, स्कूल और अस्पताल न मिलने के साथ-साथ बेघर को घर और युवाओं को रोजगार न मिलने का मुद्दा उठाया था। राहुल ने ट्वीट किया, ‘आदिवासी से छीनी जमीन, नहीं दिया जंगल पर अधिकार, अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे, न चले स्कूल न मिला अस्पताल, न बेघर को घर न युवा को रोजगार। पलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़, मोदी जी, कहाँ गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?''
22 सालों का हिसाब#गुजरात_मांगे_जवाब
10 वां सवाल:
आदिवासी से छीनी जमीन
नहीं दिया जंगल पर अधिकार
अटके पड़े हैं लाखों जमीन के पट्टे
न चले स्कूल न मिला अस्पताल
न बेघर को घर न युवा को रोजगारपलायन ने दिया आदिवासी समाज को तोड़
— Office of RG (@OfficeOfRG) December 8, 2017
मोदीजी, कहाँ गए वनबंधु योजना के 55 हजार करोड़?