मानहानि मामले में राहुल गांधी को मिली बेल, नोटबंदी पर दिया था बयान
मुंबई, पटना के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज यानी शुक्रवार को अहमदाबाद के स्थानीय कोर्ट में पेश होंगे। राहुल गांधी पर नोटबंदी के दौरान दिए गए एक बयान को लेकर अहमदाबाद में मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले की आज सुनवाई होगी।
नोटबंदी के दौरान दिया था बयान
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को पेश होने का निर्देश दिया था। नोटबंदी के दौरान राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (एडीसीबी) पर 745 करोड़ रुपये की ब्लैकमनी को व्हाइट कराने का आरोप लगाया था। इसके बाद एडीसी बैंक और उसके चेयरमैन अजय पटेल ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था।
अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में राहुल की पेशी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी एडीसी बैंक मानहानि मामले में अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में पेश होंगे। राहुल गांधी 12 बजे तक अहमदाबाद पहुंचेंगे। वहां से वे 2 बजे तक सीधे कोर्ट के लिए रवाना होंगे।
मानहानि केस के इस मामले में कोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई की थी और तब कोर्ट ने राहुल गांधी को 27 मई को पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन राहुल गांधी ने कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें अधिक समय दिया जाए। इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था और राहुल गांधी को 12 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश होने का आदेश दिया था।
इससे पहले दो मामलों में मिल चुकी है जमानत
इससे पहले, मानहानि के दो अन्य मामलों में राहुल गांधी को जमानत मिल चुकी है। राहुल गांधी को पटना के एक सिविल कोर्ट से जमानत मिली थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि के मामले में छह जुलाई को पटना सिविल कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें जमानत मिल गई थी। 10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर राहुल गांधी को जमानत मिली। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
इसी तरह मुंबई की एक अदालत ने राहुल गांधी को आरएसएस के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि मामले में 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में कहा कि वह दोषी नहीं हैं।
आरएसएस कार्यकर्ता धृतिमान जोशी ने राहुल के खिलाफ बेंगलूरू की पत्रकार गौरी लंकेश की 2017 में हुई हत्या का संबंध दक्षिण-पंथी संगठन से जोड़ने का आरोप लगाते हुए मानहानि का मामला दायर किया था।