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11 September 2023

2019 विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शरद पवार ने दिल्ली में बीजेपी के साथ कीं 4 बैठकें: गिरीश महाजन

file photo

महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने सोमवार को दावा किया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने राज्य में सरकार बनाने के लिए 2019 विधानसभा चुनाव के बाद नई दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ चार बैठकें कीं, लेकिन अंततः उन्होंने बीजेपी की "पीठ में छुरा घोंप" दिया।

मंत्री गिरीश महाजन ने यह भी दावा किया कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर देवेन्द्र फड़णवीस के नेतृत्व में अजित पवार का सुबह-सुबह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेना शरद पवार की 'गुगली' थी।

'फड़णवीस के विश्वासपात्र महाजन ने नासिक में संवाददाताओं से कहा “2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद, शरद पवार ने सरकार गठन के लिए दिल्ली में भाजपा नेताओं के साथ चार बैठकें कीं। उस समय शिवसेना (अविभाजित) अनुचित व्यवहार कर रही थी। पवार ने हमारे नेताओं से यहां तक कहा था कि वे चिंता न करें।“

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उन्होंने कहा कि शरद पवार ने हमेशा से ही फड़णवीस और अजित पवार की 80 घंटे तक चली सरकार के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने दावा किया, ''लेकिन पूरे मामले में, यह वरिष्ठ पवार ही थे जो फैसले ले रहे थे। भाजपा नेताओं के साथ (दिल्ली में) चार बैठकों में से एक में उनके साथ अजित पवार भी थे...शरद पवार इस बात से कभी इनकार नहीं कर सकते।''

महाजन ने कहा कि शरद पवार परंपरागत रूप से पीठ में छुरा घोंपने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने दावा किया, ''इस बार उन्होंने यह काम भाजपा के साथ किया। यह पवार की गुगली थी।'' महाजन ने कहा कि 2014 के बाद महाराष्ट्र में कई राजनीतिक घटनाएं हुईं और उनमें राकांपा की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने दावा किया, ''सुबह (अजित पवार और फड़णवीस के) शपथ ग्रहण समारोह के बाद शरद पवार ने कहा कि यह भाजपा की चाल थी लेकिन यह उनकी अपनी गुगली थी। ऐसी चीजें करने की उनकी परंपरा है।''

2019 के विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी ने अपना गठबंधन तोड़ दिया, एक आश्चर्यजनक कदम में, फड़नवीस और अजीत पवार ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया, जो 80 घंटों में गिर गई। इसके बाद शिवसेना (अविभाजित) ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाया। अजित पवार इस साल जुलाई में डिप्टी सीएम के तौर पर शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हुए थे, जबकि एनसीपी के 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।

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OUTLOOK 11 September, 2023
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