धमकी मिलने पर बोले शरद पवार- किसी की आवाज को बंद नहीं किया जा सकता, शिंदे ने कहा- एनसीपी प्रमुख सम्मानित नेता, उठाए जाएंगे जरूरी कदम
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि धमकियां देकर किसी की आवाज दबाई जा सकती है तो वह व्यक्ति ‘‘गलतफहमी’’ में है। वह सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी के बारे में पत्रकारों से बात कर रहे थे। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को जान से मारने की धमकी को गंभीरता से लिया है और उन्होंने जांच के निर्देश दिए हैं। पवार को वरिष्ठ सम्मानित नेता बताते हुए शिंदे ने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी एहतियात बरते जाएंगे।
पवार ने कहा कि उन्हें महाराष्ट्र पुलिस पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को किसी भी विषय पर अपनी राय व्यक्त करने की स्वतंत्रता है। हालांकि, अगर कोई यह सोचता है कि धमकियां देकर किसी की आवाज दबाई जा सकती है तो यह उसकी गलत धारणा है।'
राकांपा के अनुसार, 82 वर्षीय पवार को सोशल मीडिया पर एक संदेश मिला जिसमें लिखा था, "जल्द ही उनका (नरेंद्र) दाभोलकर जैसा हश्र होगा।" अंधविश्वास के खिलाफ लड़ने वाले नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में सुबह की सैर के दौरान बाइक सवार दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पवार ने कहा, "मुझे पुलिस की क्षमता पर पूरा भरोसा है, जिसे राज्य की कानून व्यवस्था की देखभाल करने के लिए सौंपा गया है और इसलिए मैं इसके बारे में चिंतित नहीं हूं।" उन्होंने कहा कि जिनके पास राज्य की बागडोर है, वे जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर राज्य में तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। बयान में कहा गया है, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से (शिवसेना से जुड़े मुद्दों पर) कुछ लोग परेशान हैं, जिससे औरंगजेब और टीपू सुल्तान का महिमामंडन कर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।" इसमें कहा गया है, “इन प्रयासों को विफल कर दिया जाएगा। हम स्वार्थी राजनीतिक हितों के लिए गड़बड़ी पैदा करने की साजिश को नाकाम करेंगे।”