शरद पवार 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी नेता जितेंद्र आव्हाड ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पवार के पुणे लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगाते हुए आव्हाड ने पत्रकारों को बताया कि पवार ने 2014 में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मुंबई-कुर्ला से राकांपा विधायक ने कहा, ‘‘पवार ने पार्टी से उनके नाम पर विचार नहीं करने को कहा क्योंकि वह प्रत्याशी नहीं बनेंगे। आज की बैठक में, पवार ने कहा कि वह (लोकसभा चुनाव की) दौड़ में नहीं है। किसी को भी उनका नाम प्रस्तावित नहीं करना चाहिए।’’
आव्हाड ने इस बात से भी इनकार किया कि राकांपा प्रमुख ने मवाल लोकसभा सीट से पार्थ पवार की उम्मीदवारी का विरोध किया है। पार्थ पवार वरिष्ठ नेता अजित पवार के बेटे है।
आव्हाड ने कहा, ‘‘प्रारंभिक चर्चा जारी है। पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार पार्टी की राज्य इकाई के दफ्तर में राकांपा के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए पिछले दो दिन से बैठक कर रहे हैं। यह बैठक शनिवार सुबह शुरू हुई।
उधर पार्टी सूत्रों ने बताया कि पवार ने औरंगाबाद, रायगढ़, पुणे, बारामती, शिरूर, मवाल, नासिक, धुलेद समेत अन्य इलाकों के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि पवार ने पार्टी के संभावित प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की और पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि योग्यता के आधार पर टिकट दिया जाएगा।
राकांपा सूत्रों ने बताया कि जब अंकुश काकडे ने कहा कि पवार को पुणे से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहिए तो राकांपा प्रमुख ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह 2014 में ऐलान कर चुके हैं कि वह फिर लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
बैठक के बाद पार्टी नेता छगन भुजबल से पवार के 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि राकांपा प्रमुख ‘उच्च पद’ पर पहुंचे।
एक अन्य घटनाक्रम में, महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख सुनील तटकरे ने संवाददातओं से कहा कि अगर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भास्कर जाधव रायगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं तो वह अपने कदम पीछे खींच लेंगे।
राकांपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की बातचीत में राज्य की आधी लोकसभा सीटें मांगी हैं। महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं।