रैली से होना है मंदिर निर्माण तो 25 साल पहले क्यों दी गई कारसेवकों की बलि: शिवसेना का RSS पर हमला
अगले साल यानी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। कुछ समय पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने घोषणा की थी कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 25 नवंबर को हुकांर रैली का आयोजन करने जा रहा है।
शिवसेना ने भाजपा पर कसा तंज
आरएसएस के इस घोषणा पर महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने तंज कसा है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने कहा कि ऐसी हुंकार रैली निकालकर अगर राम मंदीर निर्माण होने वाला है, तो 25 साल पहले करसेवकों की बलि क्यों दी गई?
‘25 नवंबर, किस पंचांग को देखकर तारीख तय की गई है’
शिवसेना ने अपने मुखपत्र के संपादकीय में कहा, ‘25 नवंबर को जिस हुंकार रैली का आयोजन किया जा रहा है उसके लिए किस पंचांग को देखकर तारीख तय की गई है? शिवसेना अयोध्या जाने वाली है ये सुनकर कई लोगों के घर के कैलेंडर और पंचांग फड़फड़ा उठे हैं। जब तक हम नहीं निकले थे सब चुप थे अब सब जाग उठे हैं। हम अयोध्या शक्ति प्रदर्शन करने नहीं बल्कि राम जी को जेल से रिहा करने जा रहे हैं’।
शिवसेना से पहले कई विपक्षी पार्टियां भी बीजेपी पर हमलावर
शिवसेना से पहले अन्य विपक्षी पार्टियां भी राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी पर हमलावर रुख अख्तियार कर चुकी हैं। खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी बीजेपी से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर चुके हैं।
राम मंदिर निर्माण मामले पर सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार
आज सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपील ठुकराते हुए कहा कि हमने जनवरी के पहले हफ्ते में सुनवाई के लिए तारीख तय की है। हम इसपर जल्दी करने की कोई जरूरत नहीं समझते हैं।