CPI (M) ने कहा, आतंकवाद की आरोपी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाना निंदनीय
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो ने भोपाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए प्रज्ञा सिंह को उम्मीदवार बनाने के लिए भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की है। सीपीआई (एम) की ओर से हरि सिंह कांग ने जारी एक बयान में कहा, ‘यह सभी को मालूम है कि वह एक आरोपी हैं और उनका नाम आतंकवाद से संबंधित मामलों में कई आरोप पत्रों में शामिल है। मालेगांव विस्फोट मामले में वह अभी भी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमे का सामना कर रही हैं।
इसके बावजूद, भाजपा ने उन्हें मैदान में उतारा। यह उनके इस बयान का विरोधाभास भी उजागर करता है, जिसमें पार्टी कहती है कि वो आतंकवाद का विरोध करती है। बयान में प्रज्ञा के उस बयान का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को श्राप देने वाली बात कही थी। जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा बयान देकर उन्होंने खुद ही सब कुछ साबित कर दिया। उन्होंने ऐसे व्यक्ति के बारे में गलतबयानी की जिसने 26 सितंबर, 2011 को मुंबई में आईएसआई द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले के दौरान अपनी जान की बाजी लगा दी थी।
हेमंत करकरे के खिलाफ प्रज्ञा के बयान पर देश के आईपीएस एसोसिएशन ने व्यापक आलोचना की है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने खुद को धार्मिक, दार्शनिक और सभ्यता के मूल्यों के हजारों वर्षों के प्रतीक के रूप में पेश करके उनके नामांकन को सही ठहराया है। शायद ही कभी हमने किसी संवैधानिक कार्यकर्त्ता को कथित आपराधिक गतिविधि के राजनीतिकरण में इतना बेशर्म होते देखा हो। यह स्पष्ट है कि आजीविका संकट पर लोगों की बढ़ती बेचैनी के साथ, भाजपा और प्रधानमंत्री अपने राज्य में हताशा की स्थिति को देखते हुए मतदाताओं के ध्रुवीकरण का प्रयास कर रहे हैं।
पोलित ब्यूरो चुनाव के माहौल में कानून की धज्जियां उड़ाने और संवैधानिक आदेश की इस कोशिश की निंदा करता है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो ने अपनील की है कि इस चुनाव में मतदाता अपनी अस्वीकृति के माध्यम से इन नापाक प्रयासों को पराजित करें।