जीत के बाद बोली स्मृति ईरानी, ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता ...’
अमेठी से बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया है। कांग्रेस की प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपनी हार भी मान ली है। अमेठी सीट काफी पहले से नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती है।
इस ऐतिहासिक जीत के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता ...’। जिसको अगर पूरा किया जाए तो होता है कि कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछाले यारों।
हार मानते हुए मोदी को भी दी बधाई
राहुल गांधी ने भाजपा की स्मृति ईरानी को बधाई दी, जिन्हें उन्होंने 2014 के आम चुनावों में एक बड़े अंतर से हराया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह जीत गई हैं और मैं उन्हें बधाई देता हूं। मुस्कुराते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी को ऐतिहासिक जीत के लिए भी बधाई दी।
1977 के बाद हारा कोई गांधी
आपको बता दें राहुल 1977 के बाद कांग्रेस के टिकट से अमेठी सीट पर हारने वाले पहले गांधी बन गए हैं। 1977 में संजय गांधी हारे थे। तब बीएलडी के रविंद्र प्रताप सिंह ने 75 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी। वहीं 1984 में मेनका गांधी यहां से राजीव गांधी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। यह अमेठी में भाजपा की दूसरी जीत है। इससे पहले 1998 में संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा को हराया था।
बता दें, अमेठी सीट 1967 में अस्तित्व आई थी। शुरू से यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही। 1977-80 का दौर छोड़ दें तो यहां से हमेशा कांग्रेस जीत दर्ज करती रही। 1998 के भाजपा जीती, लेकिन 1999 से फिर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया। अब तक हुए 15 चुनावों में 13 बार कांग्रेस जीती है।