यूपी में सपा-कांग्रेस के रास्ते हुए अलग, कांग्रेस अब अकेले लड़ेगी स्थानीय निकाय चुनाव
गौरतलब है कि 2017 यूपी चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बेहद कम सीटें आई थी। सपा के साथ गठबंधन होने के बावजूद दोनों पार्टी मिलकर कुल 54 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थीं। 105 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस अकेले सिर्फ 7 सीटें जीत पाई थी। इतना ही नहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र अमेठी में तो कांग्रेस सभी पांच सीटें हार गई, जिसमें से चार अकेले भाजपा की नाम रही।
चुनाव नतीजे आने के बाद राज बब्बर ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की भी पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। उन्हें जो जिम्मेदारियां दी गई थीं वह पूरी नहीं कर पाए और इस बात को वह स्वीकार करते हैं।
पिछले एक महीने में अपने पार्टी अधिकारियों के साथ एक के बाद एक कई बैठकें करने वाले राज बब्बर ने कहा, हमने फैसला किया है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में आगामी शहरी निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा। समाजवादी के साथ भी नहीं।
राज बब्बर ने कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी थी कि वह गठबंधन पर सबकी राय ले। इसलिए जिला स्तर के कार्यकर्ताओं, चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवारों और एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करने वाले उम्मीदवारों के साथ एक बैठक रखी गई थी। उन्होंने बताया कि पार्टी अधिकारियों से चुनाव पर ध्यान केंद्रित करने और प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को और मौका देने की बात कही है।