ममता बनर्जी का आरोप- पूर्व टीएमसी सांसद तापस पॉल-सुल्तान अहमद की मौत के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार के दबाव ने कई लोगों की जान ली है। ममता बनर्जी ने सुल्तान अहमद (पूर्व टीएमसी सांसद), टीएमसी सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी के निधन और अब तापस पॉल की मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
ममता ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों की वजह से तीन लोगों की मौत हुई। इनमें सुल्तान अहमद (टीएमसी के पूर्व सांसद), टीएमसी के ही सांसद प्रसून बनर्जी की पत्नी और तापस पॉल शामिल हैं। तापस का मंगलवार को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
ममता ने कहा कि लोगों को जेल में डाला जा रहा है, लेकिन केंद्रीय एजेंसियां अपनी भागीदारी साबित नहीं कर पाई हैं या यह निष्कर्ष नहीं निकाल पाई हैं कि उन्होंने क्या अपराध किया है। यदि कोई अपराध करता है तो उस पर कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन हमे अभी तक यह नहीं पता है कि तापस पाल और अन्य लोगों ने क्या अपराध किया था।
ट्वीट कर ममता ने जताया था शोक
इससे पहले मंगलवार को ममता ने ट्वीट में लिखा था कि तापस पॉल के निधन के बारे में सुनकर मैं स्तब्ध हूं। वह बांग्ला सिनेमा के सुपरस्टार थे और तृणमूल परिवार के सदस्य थे। तापस ने दो बार सांसद और एक बार विधायक के तौर पर लोगों की सेवाएं कीं। हमें उनकी कमी काफी खलेगी। पत्नी नंदिनी, बेटी सोहिनी और उनके सभी प्रशंसकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।'
दो बार सांसद रहे तापस
61 साल के तापस हिंदी फिल्म ‘अबोध’ में भी नजर आए थे। यह फिल्म 1984 में आई थी। फिल्म के लीड एक्टर तापस और माधुरी दीक्षित थे। कृष्णानगर से दो बार सांसद रहे। परिवार में पत्नी नंदिनी और बेटी सोहिनी पाल हैं। सोहिनी भी अभिनेत्री हैं। कुछ दिन पहले वे बेटी से मिलने मुंबई गए थे। वहां उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जुहू के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वो 6 फरवरी से वेंटिलेटर पर थे। दो साल पहले पश्चिम बंगाल में रोज वैली चिट फंड घोटाला सामने आया था। जांच के दौरान तापस का नाम आया। कई दौर की पूछताछ के बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
रोज वैली चिटफंड मामले में गिरफ्तार हुए थे पॉल
सीबीआई ने 2016 में रोज वैली चिटफंड मामले में तापस पॉल को गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी। इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों और सक्रिय राजनीति दोनों से दूरी बना ली थी। उन्होंने 'साहेब (1981), 'परबत प्रिया (1984), 'भालोबाशा भालोबाशा (1985), 'अनुरागर चोयन (1986) और 'अमर बंधन (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी।
2000 में तृणमूल कांग्रेस से जुड़े थे पॉल
तृणमूल कांग्रेस से पॉल 2000 में जुड़े थे और 2001 में अलीपुर से विधायक चुने गएLथे। रोज़ वैली चिटफंड घोटाले में 2016 में गिरफ्तार होने के बाद उनके परिवार के कई सदस्यों ने पार्टी पर उन्हें नजअंदाज करने का आरोप भी लगाया। 2018 में जेल से छूटने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।