प्रदूषित राजनीतिक पर्यावरण को सुधारने के लिए 'साइकिल' ही काम आएगी: अखिलेश
मंगलवार को पर्यावरण दिवस है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोग कई तरह के प्रण लेते हैं। कुछ लोग ईंधन की खपत कम करते हैं तो कुछ इको फ्रेंडली साइकिल चलाते हैं। इस मौके पर राजनीतिक साइकिलें भी चलने लगी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का मानना है कि प्रदूषित राजनीतिक पर्यावरण को सुधारने के लिए साइकिल ही काम आएगी। आखिर मानें भी क्यों ना... उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न है साइकिल।
यूपी पुलिस के द्वारा साझा की गई खबर ‘सायकिल चलाएं, पर्यावरण बचाएं’ को शेयर करते हुए अखिलेश ने लिखा है, “आखिरकार आज प्रदेश की सरकार ने भी मान लिया है कि ‘साइकिल’ पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अब तक तो प्रदेश की जनता भी ये जान गयी है कि आज के प्रदूषित राजनीतिक पर्यावरण को सुधारने के लिए कल साइकिल ही काम आयेगी। आइए ‘साइकिल’ को अपनाकर पर्यावरण दिवस को सफल बनाएं!”
आख़िरकार आज प्रदेश की सरकार ने भी मान लिया है कि ‘साइकिल’ पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अब तक तो प्रदेश की जनता भी ये जान गयी है कि आज के प्रदूषित राजनीतिक पर्यावरण को सुधारने के लिए कल साइकिल ही काम आयेगी. आइए ‘साइकिल’ को अपनाकर पर्यावरण दिवस को सफल बनाएं! https://t.co/rmvXbKxRsu
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 5, 2018
इससे पहले अपना सरकारी बंगला खाली करने के बाद सोमवार को फिर मॉर्निंग वॉक पर निकले। लगातार दूसरे दिन मॉर्निंग वॉक के दौरान अखिलेश यादव के साथ पार्टी तमाम कार्यकर्ता भी वॉक करते नजर आए। इस दौरान ताज होटल से गोमती रिवर फ्रंट तक अखिलेश यादव ने वॉक किया। वहीं रिवर फ्रंट पर उन्होंने साइक्लिंग भी की।
इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके रिवर फ्रंट पर साइकिल चलाने और वॉक करने से सपाई स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि इनकी उम्र तो कम है लेकिन पेट बड़ा है, जिसका मतलब है कि स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मीडियाकर्मी के सवाल पूछने पर कि चुनाव में योगा प्रैक्टिस भारी पड़ेगी या साइकिलिंग...? पर अखिलेश ने जवाब दिया कि अगर हम योगा करने लगे तो समाजवादियों का कोई मुकाबला नहीं कर सकता।