योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में फिर किया धार्मिक प्रतीक का प्रयोग, मायावती पर साधा निशाना
लोकसभा चुनाव से पहले धार्मिक आधार पर वोट बटोरने की कोशिश जारी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपने भाषण में धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग किया। मेरठ में कहा कि अगर सपा-बसपा और कांग्रेस का भरोसा ‘अली’ में है तो हमारा भरोसा ‘बजरंगबली’ में है। करीब चार महीने पहले राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भी बजरंगबली को लेकर उनका बयान खासा चर्चा में आया था। योगी ने बसपा प्रमुख मायावती के बयान पर इस बयान के जरिए जवाब दिया है। देवबंद में हुई गठबंधन की रैली में मायावती ने खासतौर पर मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा था कि वे अपना वोट बंटने ना दें और केवल गठबंधन के लिए ही वोट दें।
मायावती के इसी बयान को लेकर योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कहा था कि इस बयान से उन्होंने कांशीराम और बाबा साहब आंबेडकर का अपमान किया है। अब योगी ने कहा है, 'देवबंद रैली में मायावती ने कहा था कि उन्हें मुस्लिम वोट चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि अगर एसपी-बीएसपी और कांग्रेस को अली पर भरोसा है तो हमें भी बजरंगबली पर भरोसा है। वे इस बात को मान चुके हैं कि बजरंगबली के अनुयायी उन्हें कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
राजस्थान चुनाव में बजरंगबली को लेकर योगी ने दिया था बयान
नवंबर 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान बजरंगबली को लेकर योगी आदित्यनाथ के बयान पर बवाल हुआ था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने बजरंगबली की जाति बताई है। इसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक दलों ने उन पर निशाना साधा था।
27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में योगी आदित्यनाथ मालाखेड़ा में भाजपा प्रत्याशी मास्टर राम किशन का चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। मास्टर राम किशन के लिए वोट मांगते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था-
‘'हम सबका संकल्प बजरंगी संकल्प होना चाहिए। बजरंगबली का संकल्प। बजरंगबली हमारी भारतीय परंपरा में एक ऐसे लोकदेवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं, सबको लेकर के… सभी… पूरे भारतीय समुदाय को… उत्तर से लेके दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक, सबको जोड़ने का कार्य बजरंगबली करते हैं। और इसलिए बजरंगबली का संकल्प होना चाहिए। राम काज किन्हें बिनु…’'
मायावती ने मुस्लिमों से मांगे थे वोट
योगी आदित्यनाथ का आज का बयान मायावती के बयान के जवाब में आया है। असल में देवबंद की रैली में मायावती ने अपने भाषण में कहा था, 'मैं खासतौर पर मुस्लिम समाज के लोगों से यह कहना चाहती हूं कि आपको भावनाओं में बहकर, रिश्ते-नातेदारों की बातों में आकर वोट बांटना नहीं है, बल्कि एकतरफा वोट गठबंधन को ही देना है।' चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों और नेताओं से प्रचार अभियान के दौरान जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र आदि के नाम पर ऐसी भावनात्मक अपील करने से बचने को कहा है, जिससे समाज में भेदभाव और तनाव फैलता हो।