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03 December 2018

कुशवाहा ने एनडीए और नीतीश के सामने रखी 25 मांगें, जदयू ने उड़ाया मजाक

बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के नये रुख पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है।

कुशवाहा ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों हुए कथित अपमान के लिए ‘‘माफ करो और भूल जाओ’’ के लिए तैयार होने के साथ ही लोकसभा चुनाव में राजग के भीतर सीटों के ‘‘सम्मानजनक’’ बंटवारे पर अपनी जिद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुशवाहा ने इस संबंध में एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत के दौरान यह बयान दिया था। कुशवाहा ने सीटों के बंटवारे को लेकर 30 नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिया था। उनके इस अल्टीमेटम पर भाजपा के रूखे व्यवहार के मद्देनजर उनके राजग छोड़ने की घोषणा की अटकलें हैं।

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उन्होंने कहा कि यदि बिहार की सरकार मेरे 25-सूत्री मांग पत्र पर काम किये जाने का आश्वासन देती है तो ‘मैं सब कुछ माफ करने और भूलने के लिए तैयार हूं।’

मीडिया से प्राप्त किये गये मांग पत्र की प्रति लहराते हुए जद (यू) के विधानपार्षद एवं प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि कम से कम केन्द्रीय मंत्री यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरत सकते थे कि मसौदा ‘‘वर्तनी की गलतियों और व्याकरण संबंधी त्रुटियों’’ से भरा नहीं हो।

उन्होंने कहा, ‘‘बिहार शिक्षा के दो मॉडल का गवाह रहा है। एक लालू प्रसाद के चरवाहा विद्यालय था। एक अन्य मॉडल नीतीश कुमार का है जिन्होंने आईआईटी पटना, नालंदा विश्वविद्यालय और चाणक्य लॉ कॉलेज जैसे संस्थानों को बनाया। कुशवाहा ने स्पष्ट किया है कि वह किस मॉडल के लिए खड़े हैं।’’

कुमार ने हैरानी जताई कि आरएलएसपी प्रमुख ने केंद्रीय मंत्री के रूप में बिहार में शिक्षा परिदृश्य में सुधार करने के लिए क्या किया था। उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा राज्य की सूची में नहीं है बल्कि समवर्ती सूची में है। वह यह कह कर ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं कि यह विशेष रूप से राज्य का एक मामला है।’’

ये हैं कुशवाहा की प्रमुख मांगें-

1. विद्यालयों में आयोग के जरिए हो शिक्षकों की बहाली
2. 2003 और उसके बाद के शिक्षकों का पुनर्मूल्यांकन हो
3. सभी स्तरों पर नियुक्त शिक्षकों को समान वेतन
4. उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति हो
5. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णरूप से मुक्त रखा जाए
6. सभी स्कूलों में छात्र व शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था
7. मिड-डे-मील से शिक्षकों को दूर रखा जाए
8. प्राइवेट स्कूल की मनमानी रोकने का विशेष उपाय ‌किया जाए
9. विद्यालय, महाविद्यालय में व्यावसायिक शिक्षकों की बहाली हो
10. मदरसों का अविलंब आधुनिकीकरण किया जाए

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TAGS: upendra Kushwaha, mocked, JD(U), 25-point charter of demands
OUTLOOK 03 December, 2018
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