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04 April 2019

आडवाणी ने तोड़ी चुप्पी- भाजपा ने असहमत लोगों को कभी 'एंटी नेशनल' नहीं माना

File Photo

6 अप्रैल को भाजपा के स्थापना दिवस से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने ब्लॉग के जरिए भाजपा को लेकर कई सवाल उठाए हैं और आत्ममंथन करने की सलाह दी है। गुजरात के गांधीनगर से टिकट कटने के बाद पहली बार उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है। इस ब्लॉग का शीर्षक है- नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट। लगभग 5 साल बाद उन्होंने यह ब्लॉग लिखा है। उन्होंने अपने ब्लॉग में पुरानी भाजपा के बारे में बात की है और अप्रत्यक्ष रूप से आज के माहौल में पार्टी की उस कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं, जब असहमत विचार वालों को ‘एंटी नेशनल’ कह दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा बनने के बाद पार्टी ने कभी राजनीतिक तौर पर असहमत लोगों को 'दुश्मन' नहीं माना। इसी तरह, भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा में हमने राजनीतिक रूप से असहमत लोगों को कभी ‘एंटी नेशनल’ नहीं माना। उन्होंने अभिव्यक्ति और चुनने की आजादी पर जोर दिया है। उन्होंने गांधीनगर की जनता को धन्यवाद भी दिया है। हाल ही में उनकी जगह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को गांधीनगर से टिकट दिया गया है।

'हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें'

उन्होंने लिखा, '6 अप्रैल को भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाएगी। भाजपा में हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें। भाजपा के संस्थापकों में से एक के रूप में मैंने भारत के लोगों के साथ अपने अनुभवों को साझा करना अपना कर्तव्य समझा है। खासतौर पर मेरी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के साथ। दोनों ने मुझे बहुत स्नेह और सम्मान दिया है।'

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राष्ट्र प्रथम, तब पार्टी और अंत में स्वयं’

ब्लॉग में उन्होंने लिखा, ‘मेरे जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत है-राष्ट्र प्रथम, तब पार्टी और सबसे अंत में स्वयं। सभी परिस्थितियों में मैंने इस सिद्धांत का पालन करने की कोशिश की है और आगे भी करता रहूंगा। भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान है। पार्टी व्यक्तिगत और राजनीतिक स्तर पर प्रत्येक नागरिक की पसंद की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा हमेशा मीडिया सहित हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती की मांग करने में सबसे आगे रही है। चुनावी सुधार, राजनीतिक और चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता हमारी पार्टी के लिए प्राथमिकता रही है।'

लोकतंत्र को मजबूत करने का हो प्रयास’

आडवाणी ने लिखा, 'यह मेरी ईमानदार इच्छा है कि हम सभी को सामूहिक रूप से भारत की लोकतांत्रिक शिक्षा को मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए। सच है, चुनाव लोकतंत्र का त्यौहार है, लेकिन ये भारतीय लोकतंत्र में सभी हितधारकों- राजनीतिक दलों, जन मीडिया, चुनाव प्रक्रिया का संचालन करने वाले प्राधिकारियों और सबसे ऊपर, मतदाताओं द्वारा ईमानदार आत्मनिरीक्षण के लिए भी एक अवसर हैं।'

गांधीनगर के लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं’

उन्होंने लिखा , 'मैं गांधीनगर के लोगों के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने 1991 के बाद छह बार मुझे लोकसभा के लिए चुना है। उनके प्यार और समर्थन ने मुझे हमेशा अभिभूत किया है। मातृभूमि की सेवा करना मेरा जुनून और मेरा मिशन है। जब से मैंने 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ज्वाइन किया है। मेरा राजनीतिक जीवन लगभग सात दशकों से मेरी पार्टी के साथ अविभाज्य रूप से जुड़ा रहा है। पहले भारतीय जनसंघ के साथ और बाद में भारतीय जनता पार्टी। मैं दोनों का संस्थापक सदस्य रहा हूं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और कई अन्य महान, प्रेरणादायक और दिग्गजों के साथ मिलकर काम करना मेरा दुर्लभ सौभाग्य रहा है।'

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TAGS: anti-national, lal krishna advani, blog, lok sabha elections, bjp
OUTLOOK 04 April, 2019
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