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21 April 2016

नीतीश से पहले शरद का शक्ति परीक्षण

आशा पांडेय

 लेकिन इसे वर्षों से अध्यक्ष रहे शरद यादव की कमजोरी न समझा जाए। 2019 से पहले 2018 में यादव को बड़े मोर्चे का सामना करना पड़ सकता है। 2018 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के किसी कट्टरपंथी नेता के उम्मीदवार के मुकाबले जनता दल (यू) के साथ कांग्रेस, सपा, कम्युनिस्ट पार्टियों और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के लिए स्वीकार हो सकने वाला नाम शरद यादव का हो सकता है।

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TAGS: नीतीश कुमार, शरद यादव, जनता दल यू, विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, राष्ट्रपति
OUTLOOK 21 April, 2016
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