किताब लिख बताएंगे प्रशांत, कैसे जीतें चुनाव
प्रशांत किशोर का नाम अब किसी परिचय का महताज नहीं रह गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की आंधी हो या 2015 के बिहार चुनाव में नीतीश कुमार का विजयी प्रदर्शन, पर्दे के पीछ रणनीति प्रशांत किशोर की ही थी। आने वाले समय में भी किशोर राजनीतिक पार्टियों के खेवनहार की भूमिका निभाते रहेंगे। लेकिन इसी बीच उन्होंने भारत के चुनावों को लेकर अब तक के अपने अनुभवों और विश्लेषण को किताब की शक्ल में पिरोने का निर्णय लिया है। अपनी किताब में किशोर इस बात का विश्लेषण करने वाले हैं कि आज भारतीय मतदाताओं को क्या बात प्रभावित करती है, उनकी महत्वाकांक्षाएं क्या हैं और अपने नेताओं से वह क्या चाहते हैं। किशोर की किताब का नाम होगा द इलेक्शन गेम। किताब के साथ एक और खास बात यह है कि जाने-माने पत्रकार संकर्षण ठाकुर उसमें सहलेखन करेंगे।
भारत के चुनाव हमेशा से एक रहस्य बने रहे हैं। किशोर की किताब इस दौर में लड़े जा रहे चुनावों की बात करने के साथ यह भी बताने जा रही है कि वह कौन से तथ्य हैं जो चुनावों में जीत या हार की वजह हो सकते हैं। किशोर की किताब इस साल के अंत में जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित होकर आएगी। किशोर ने कहा, लेखन मेरे लिए एक नई दुनिया है लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि किताबों की इस दुनिया में प्रवेश उभरते नए मतदाताओं, विशेषकर युवा एवं पेशेवर मतदाताओं के साथ, हमारे लोकतंत्र की अनिवार्य रस्म यानी चुनाव के बारे में संवाद को विस्तार देगा। वहीं पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने कहा कि चुनाव लड़ने के तरीके में बड़े बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के साथ काम करने को लेकर वह काफी उत्साहित हैं।
जगरनॉट की प्रकाशक चिकी सरकार के अनुसार, हर किसी को इस किताब का इंतजार है। उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि संकर्षण ठाकुर, प्रशांत किशोर के साथ इस किताब का सहलेखन करने के लिए तैयार हो गए। वह हमारे सबसे ज्यादा सम्मानित एवं अनुभवी पत्रकारों और लेखकों में से एक हैं, जिन्होंने बिहार चुनाव के दौरान प्रशांत के काम को करीब से देखा है। संकर्षण विभिन्न हस्तियों, मुद्दों और भारत की राजनीति चलाने वाले कारकों पर अपनी पैनी समझ को एक दिलचस्प किस्सागोई वाली शैली के साथ इस किताब में लेकर आएंगे।
राजनीतिक गलियारों में किशोर को नीतीश का चाणक्य कहा जाता है। उन्हें जनवरी में बिहार सरकार के नियोजन एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए नीतीश के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। जिसके तहत उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा और उसी स्तर का भत्ता भी मिलेगा। उनपर बिहार में विकास कार्यक्रमों की योजना बनाने और उसके समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन की निगरानी करने की जिम्मेदारी होगी। अफवाहों की मानें तो कांग्रेस भी पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए किशोर की विशेषज्ञता की मदद ले सकती है। अगले साल इन राज्यों में चुनाव होने हैं।