कुछ इस तरह योगी ने तोड़ा 35 साल पुराना अंधविश्वास
मजेंटा लाइन मेट्रो के उद्घाटन पीएम मोदी ने जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ तारीफ करते हुए कहा कि कहा कि जो लोग कुर्सी के जाने के डर से जीते हैं उनको मुख्यमंत्री बनने का कोई अधिकार नहीं है। मोदी ने कहा कि श्रद्धा का अपना स्थान होता है लेकिन अंधश्रद्धा के लिए कोई जगह नहीं होता है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 29 साल से चले आ रहे अंधविश्वास को तोड़ते हुए आज नोएडा पहुंचे।
इस दौरान पीएम ने कहा, “जब मैं गुजरात का सीएम बना तो मुझे भी बताया गया कि इन जगहों में न जाएं नहीं तो सीएम दोबारा नहीं बन पाओगे। मैं उन सभी जगहों एक ही साल में हो आया। उसके बाद भी गुजरात का सबसे ज्यादा समय तक रहने वाला मैं सीएम बन गया।”
अंधविश्वास का नोएडा कनेक्शन
पिछले 35 सालों से यूपी का कोई भी मुख्यमंत्री यहां आने से परहेज करता रहा है। इसके पीछे एक अंधविश्वास रहा है कि जो भी मुख्यमंत्री यहां आया, कुछ दिन बाद उसकी कुर्सी चली गई। आखिरी बार बीएसपी सुप्रिमो मायावती नोएडा गईं थीं और 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सत्ता से हटना पड़ा था। योगी आदित्यनाथ से पहले सूबे के मुखिया अखिलेश यादव भी नोएडा आने से बचते रहे। इससे पहले 1982 में विश्वनाथ प्रताप सिंह मुख्यमंत्री थें। विश्वनाथ प्रताप सिंह नोएडा में वीवी गिरी श्रम संस्थान का उद्घाटन करने आए थे। उसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। वैसे ही 1988 में वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थें। एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह फिल्म सिटी स्थित एक स्टूडियो में आए। उसके कुछ माह बाद ही वह मुख्यमंत्री पद से हट गए।