गोरखपुर की घटना को बेवजह तूल दिया गयाः योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत बहुत खराब है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त में ऑक्सीजन आपूर्ति ठप होने से 36 बच्चों की मौत हो गई थी। सड़कों और बिजली की स्थिति भी बेहद दयनीय है। आउटलुक को दिए साक्षात्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि विरासत में मिली इन समस्याओं का वे किस तरह समाधान कर रहे हैं। पढ़िए अंश;
"गोरखपुर की घटना को बेवजह तूल दे दिया गया। गोरखपुर में जो कारण बताए जा रहे थे, वो कारण नहीं थे। इंसेफ्लाइटिस से मौतें जरूरी हुईं। लेकिन, अन्य जो कारण बताए जा रहे थे, वे सारे निर्मूल साबित हुए। ऐसा नहीं कि इंसेफ्लाइटिस को रोकने के लिए हमलोगों ने इस दौरान कार्य न किए हों। हादसे के वक्त तक हमारी सरकार को केवल तीन महीने हुए थे। लेकिन, हमारी कार्रवाई उससे पहले प्रारंभ हो चुकी थी। जैसे, इंसेफ्लाइटिस के प्रति संवेदनशील 38 जिलों में 92 लाख बच्चों को टीकाकरण कराना। दूसरे, इंसेफ्लाइटिस के प्रति अति संवेदनशील 20 जिलों के फिजिशयन और पीडियाट्रिक्स जितने थे, उन सबके प्रशिक्षण की व्यवस्था गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हमलोगों ने करवाए। तीसरे, 30 जिलों के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक्स का आइसीयू हमलोगों ने बनाया। हमने 19 मार्च को सत्ता में आने के एक महीने के अंदर पूरे प्रदेश का सर्वे कराया। एक लाख इक्कीस हजार किलोमीटर की सड़कें हमें गड्ढायुक्त मिलीं। कोर्ट ने रोक लगाई थी खनन पर। अवैध माइनिंग चल रही थी, हमलोगों ने उसको रोका। बरसात के कारण सड़कें नहीं बनीं, लेकिन उन तीन महीनों में 80 हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया। विद्युत वितरण में हो रहे भेदभाव को रोका। 75 के 75 जिलों में बिजली आपूर्ति बहाल की है। जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 20 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराई है। प्रधानमंत्री जी ने जब शपथ ली थी, उस समय प्रदेश के 1225 ऐसे गांव थे जिनमें विद्युतीकरण नहीं हो पाया था। बड़ी-बड़ी ग्राम पंचायतें बिना बिजली के थीं। हमने सभी 1225 गांवों में विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। लगभग 26 हजार से अधिक मजरों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया है। 20 लाख ऐसे लोगों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं, जिनको आज तक विद्युत कनेक्शन नहीं मिल पाया था।"