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03 August 2016

जीएसटी विधेयक राज्यसभा में पारित, जेटली ने दर नीचे रखने का दिया आश्वासन

गूगल

केंद्र की राजग सरकार ने उच्च सदन में एक प्रतिशत के अतिरिक्त कर को वापस लेने की कांग्रेस की  मांग को मान लिया जिसके बाद सदन ने शून्य के मुकाबले 203 मतों से विधेयक को पारित कर दिया। कांग्रेस तथा कुछ अन्य सदस्यों की मांग पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आश्वासन दिया कि जीएसटी के तहत कर दर को यथासंभव नीचे रखा जाएगा। जेटली ने संविधान (122वां संशोधन) विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, मार्गदर्शक सिद्धांत होगा कि जीएसटी दर को यथासंभव नीचे रखा जाए। निश्चित तौर पर यह आज की दर से नीचे होगा। वित्त मंत्री के जवाब के साथ ही इस विधेयक पर लाए गए विपक्ष के संशोधनों को खारिज कर दिया गया।

जीएसटी विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है। किंतु चूंकि सरकार की ओर से इसमें संशोधन लाए गए हैं, इसलिए अब संशोधित विधेयक को लोकसभा की मंजूरी के लिए फिर भेजा जाएगा। राज्यसभा में विधेयक पर मतदान से पहले सरकार के जवाब से असंतोष जताते हुए अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। वहीं कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर अपना विरोध तब त्याग दिया जब सरकार ने एक प्रतिशत के विनिर्माण कर को हटा लेने की उसकी मांग को मान लिया। साथ ही विधेयक में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि राज्यों को होने वाली राजस्व हानि की पांच साल तक भरपाई की जाएगी। इस संशोधित विधेयक के जरिये एकसमान वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली के लागू होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इसके माध्यम से केन्द्रीय उत्पाद कर तथा राज्य वैट (बिक्री कर सहित सभी परोक्ष कर) इसी में शामिल हो जाएंगे। जीएसटी दर की सीमा को संविधान में रखने की मांग पर जेटली ने कहा कि इसका निर्णय जीएसटी परिषद करेगी जिसमें केंद्र एवं राज्यों का प्रतिनिधित्व होगा।

इससे पहले विधेयक पेश करते हुए जेटली ने इसे एेतिहासिक कर सुधार बताते हुए कहा कि जीएसटी का विचार वर्ष 2003 में केलकर कार्य बल की रिपोर्ट में सामने आया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आम बजट में जीएसटी के विचार को सार्वजनिक तौर पर सामने रखा था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में जीएसटी के बारे में एक विमर्श पत्र रखा गया। बाद में सरकार ने राज्यो के वित्त मंत्रियों की एक अधिकार संपन्न समिति बनाई थी। वर्ष 2014 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने इससे संबंधित विधेयक तैयार किया था किन्तु लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के कारण वह विधेयक निरस्त हो गया। जेटली ने कहा कि मौजूदा सरकार इसे लोकसभा में लेकर आई और इसे स्थायी समिति में भेजा गया। बाद में यह राज्यसभा में आया और इसे प्रवर समिति के पास भेजा गया।

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TAGS: राज्यसभा, वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी विधेयक, संविधान संशोधन विधेयक, परोक्ष कर प्रणाली, अरूण जेटली, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, भाजपा, Rajya Sabha, GST Bill, Constitution Ammendment Bill, Indirect Tax System, Arun Jaitley, Congress, Annadramuk, BJP
OUTLOOK 03 August, 2016
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