Advertisement
19 June 2024

गुजरात: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा, मोरबी पुल हादसे में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करें

गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मोरबी नगरपालिका के पदाधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करे, क्योंकि हादसे की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अक्टूबर 2022 में एक पुल के ढहने के बाद की चूक को उजागर किया था। इस पुल हादसे में 135 लोग मारे गए थे।

मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने कहा कि एसआईटी द्वारा मोरबी नगरपालिका के तत्कालीन मुख्य अधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों की चूक को उजागर करने के बाद सरकार ने अभी तक ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ (एटीआर) प्रस्तुत नहीं की है।

इस बीच, पुल हादसे में अपने दो रिश्तेदारों को खोने वाले एक व्यक्ति ने ब्रिटिश काल में निर्मित इस संरचना की मरम्मत और जीर्णोद्धार तथा व्यक्तिगत मुआवजे के निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मोरबी नगरपालिका के तत्कालीन मुख्य अधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों की चूक पर एसआईटी के निष्कर्षों के बाद अभी तक एटीआर जमा नहीं की है।

एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट नौ अक्टूबर, 2023 को जमा की गई थी।

Advertisement

न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि सरकार को गलती करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ एटीआर दाखिल करनी चाहिए, क्योंकि एसआईटी ने उन लोगों की निष्क्रियता का उल्लेख किया है। एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को आश्वस्त किया कि कार्रवाई रिपोर्ट जल्द ही पेश की जाएगी।

अदालत ने इससे पहले भी सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था, जिसमें खासतौर पर एसआईटी द्वारा चिह्नित गड़बड़ियों का उल्लेख करने के लिये कहा गया था। इसके अतिरिक्त, अदालत ने ओेरेवा समूह के मुआवजे और पुनर्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर विचार किया, जिसके तहत जिंदा बचे प्रत्येक पीड़ित और माता-पिता को खोने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 12 हजार रुपये मासिक के भुगतान का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा, समूह ने प्रत्येक अनाथ बच्चे या अपने माता या पिता को खोने वाले बच्चे का शिक्षा पर आने वाले खर्च के भुगतान की सहमति प्रदान की। अदालत ने ओरेवा समूह के न्यास को इन भुगतानों को लागू करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने न्यास को भुगतान के लिए एक तंत्र विकसित करने का निर्देश देने से पहले पूछा, ‘‘आपने इस भुगतान के लिए क्या तरीका निकाला है।’’

मोरबी शहर में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल का सस्पेंशन पुल 30 अक्टूबर, 2022 को ढह गया था, जिसमें कई महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 घायल हो गए थे।

दिलीप चावड़ा ने न्यायमूर्ति अग्रवाल को सौंपे गए एक हलफनामे में आग्रह किया कि पुल की मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक तकनीकी टीम द्वारा किया जाना चाहिए।

चावड़ा ने मुआवजे के तौर पर प्रत्येक मृतक के परिवार को दो-दो करोड़ रुपये, स्थायी रूप से विकलांग प्रत्येक पीड़ित को 50-50 लाख रुपये तथा प्रत्येक घायल को 20-20 लाख रुपये देने के निर्देश का अदालत से अनुरोध किया। उन्होंने एकसमान मुआवजे के मौजूदा दृष्टिकोण की आलोचना की।

ओरेवा समूह के अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) जयसुख पटेल, दो प्रबंधकों, उप-ठेकेदारों, सुरक्षा गार्डों और टिकट बुकिंग क्लर्कों सहित 10 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज किये गये हैं, जिसमें गैर-इरादतन हत्या भी शामिल है।

 
अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Gujarat, Gujarat highcourt, Morbi bridge accident, Report on morbi bridge accident, BJP
OUTLOOK 19 June, 2024
Advertisement