हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित 15 विधायकों को निलंबित किया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित 15 विधायकों को निलंबित कर दिया है। पहाड़ी राज्य में इस समय भारी राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के बाद ये पूरा घटनाक्रम शुरू हुआ।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बुधवार को विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर सहित 15 भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया और सदन स्थगित कर दिया। सदन में दुर्व्यवहार और नारेबाजी के आरोप में उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 विधायकों को बुधवार को निलंबित कर दिया और फिर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। भाजपा विधायकों को सदन में दुर्व्यवहार और नारेबाजी के आरोप में निलंबित किया गया।
ठाकुर ने सुबह संवाददाताओं से कहा, ''हमें आशंका है कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं ताकि बजट विधानसभा में पारित किया जा सके।'' उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है। ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की मांग की।
15 भाजपा विधायकों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर सिंह गांधी को आज विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में कथित तौर पर नारेबाजी और दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष ने निष्कासित कर दिया है।
ठाकुर ने सुबह संवाददाताओं से कहा, "हमें आशंका है कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया भाजपा विधायकों को निलंबित कर सकते हैं ताकि बजट विधानसभा में पारित हो सके।" उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है और उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे की मांग की।
यह कदम भाजपा द्वारा मंगलवार को राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीतने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उसके उम्मीदवार हर्ष महाजन ने राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग के कारण कांग्रेस के दिग्गज अभिषेक मनु सिंघवी को हराया था।
कांग्रेस ने अंसतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सक्रिय कर दिया है। हालांकि, कांग्रेस का संकट कम होता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा दे दिया है।
विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है। उन्होंने कहा, "मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।"