लाउडस्पीकर विवाद से हिन्दुओं को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान, महाराष्ट्र कांग्रेस ने किया दावा
महाराष्ट्र कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे की आपत्ति से हिंदुओं को ज्यादा नुकसान हुआ है। कांग्रेस के राज्य महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक ट्वीट में यह भी दावा किया कि "मनसे का राजनीतिक रूप से स्वार्थी रुख, उनका पागलपन और भाजपा का उनके रुख में समर्थन प्रगतिशील महाराष्ट्र के लिए हानिकारक है।" सावंत ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों ने लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया है?
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इससे पहले महाराष्ट्र सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने लोगों से लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाने का आग्रह किया था, जहां भी वे लाउडस्पीकर पर "अज़ान (इस्लामी प्रार्थना)" सुनते हैं।
सावंत ने गुरुवार को एक ट्विटर पोस्ट में कहा, "मुसलमानों द्वारा सुबह की अजान बंद कर दी गई है। लेकिन, काकड़ आरती (मंदिरों में भोर में की जाती है) भी बंद हो गई है। चर्च, गुरुद्वारे और बौद्ध मंदिर लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं कर पाएंगे। लाउडस्पीकर सार्वजनिक समारोहों में भी अनुमति नहीं दी जाएगी।"
पुलिस की ओर से हुई बैठक में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने मनसे के रुख का विरोध किया है। त्र्यंबकेश्वर और शिरडी में 'काकड़ आरती' रोक दी गई है। कांग्रेस नेता ने एक ट्वीट में पूछा, "यह किसका पाप है?"
सावंत ने दावा किया, "अगर हम मनसे की बात सुनें तो मस्जिदों के साथ 2,400 मंदिर भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। लाउडस्पीकर पर मनसे के रुख से हिंदुओं को ज्यादा नुकसान हुआ है।"
गौरतलब है कि बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 38 (1) के तहत शहर की पुलिस लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति देती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लाउडस्पीकर का प्रयोग कितनी बार और कब करना है, इस पर कोई नियम नहीं है। सावंत ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है और डेसिबल की सीमा भी सीमित कर दी है।