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20 August 2025

"मैं जेल जाने से पहले इस्तीफा दे चुका था..."; लोकसभा में अमित शाह ने ये क्यों कहा?

लोकसभा में तीन आपराधिक कानून विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। यह घटना तब हुई जब शाह ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को पेश किया। ये विधेयक औपनिवेशिक काल के कानूनों, भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को प्रतिस्थापित करने के लिए लाए गए हैं।

चर्चा के दौरान केसी वेणुगोपाल ने गृह मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि ये विधेयक उन लोगों को बचाने के लिए हैं जो सत्ता में हैं और जेल जाने से डरते हैं। उन्होंने शाह के 2002 के गुजरात दंगों के दौरान जेल जाने के दावे पर सवाल उठाया। जवाब में शाह ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ लगाए गए मामले फर्जी थे। मैं जेल जाने से पहले ही इस्तीफा दे चुका था। कुछ लोग जेल में रहकर भी कुर्सी नहीं छोड़ते।" इस बयान से सदन में हंगामा मच गया।

शाह ने आगे कहा कि ये विधेयक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को स्वतंत्रता के 75 साल बाद भारतीय मूल्यों के अनुरूप बनाने के लिए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि औपनिवेशिक कानून गुलामी की मानसिकता को दर्शाते थे, जो अब बदलने का समय है। भारतीय न्याय संहिता में 313 धाराओं को संशोधित किया गया है, जिसमें 23 अपराधों की सजा बढ़ाई गई और 21 नए अपराध जोड़े गए। गंभीर अपराधों, जैसे हत्या और बलात्कार, के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।

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वेणुगोपाल ने विधेयकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये संसद की शक्तियों को कमजोर करते हैं और कार्यपालिका को असीमित अधिकार देते हैं। उन्होंने इसे "लोकतंत्र की हत्या" करार दिया। जवाब में शाह ने विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन धाराओं को बताएं जो उनके दावों को सही ठहराती हैं। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों को तैयार करने में पांच साल का समय और व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

चर्चा में विपक्षी सांसदों ने विधेयकों को जल्दबाजी में लाने का आरोप लगाया, लेकिन शाह ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ये देश की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था को मजबूत करेंगे। उन्होंने जोर दिया कि ये कानून जनता के हित में हैं और आतंकवाद जैसे अपराधों पर सख्ती बरतेंगे। इस तीखी बहस ने सदन में गहमागहमी का माहौल बना दिया, और विधेयकों पर चर्चा जोर-शोर से जारी रही।

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TAGS: Amit Shah, Manish Tewari, Lok Sabha, Indian Judicial Code, Indian Civil Defence Code, Indian Evidence Bill, Colonial Laws
OUTLOOK 20 August, 2025
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