नए परीक्षा कानून को लागू करना लीपापोती का प्रयास : कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि नीट-स्नातक, यूजीसी-नेट को लेकर जारी विवाद के बीच केंद्र सरकार द्वारा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया जाना लीपापोती का एक प्रयास है।
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को लेकर विवाद के बीच, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया, जिसका उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है।
इस अधिनियम के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। खड़गे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘नीट घोटाले में भाजपा जितनी भी कोशिश कर ले, धांधली, भ्रष्टाचार और शिक्षा माफिया को बढ़ावा देने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती।''
उन्होंने दावा किया कि प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ कानून अधिसूचित नहीं हुआ था, लेकिन जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की प्रेस वार्ता में उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कानून अधिसूचित हो गया है।
खड़गे ने कहा, ‘‘13 फरवरी 2024 को इस कानून को राष्ट्रपति जी की संस्तुति मिल गई थी,पर कानून बीती रात को ही अधिसूचित हुआ है।’’ उन्होंने सवाल किया कि शिक्षा मंत्री ने झूठ क्यों बोला?
खड़गे ने यह प्रश्न भी किया कि जब शिक्षा मंत्री ने नीट परीक्षा में गड़बड़ी की बात मान ली है तो मोदी सरकार परीक्षा दोबारा क्यों नहीं करवा रही? प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ कानून पारित करवाने के बाद भी पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? गत सात वर्षों में जब 70 पेपर लीक हुए, तब मोदी सरकार ने उसपर कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया?
उन्होंने आरोप लगाया कि नया कानून लाना केवल भाजपाई लीपापोती ही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जब तक शिक्षा प्रणाली व स्वायत्त संस्थानों को भाजपा-आरएसएस की दखलंदाज़ी व दुष्प्रभाव से मुक्त नहीं किया जाएगा...तब तक ये धांधली चोरी, भ्रष्टाचार जारी रहेगा।’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘13 फरवरी 2024 को राष्ट्रपति ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को अपनी मंजूरी दी थी। अंततः आज सुबह देश को बताया गया कि यह अधिनियम कल, यानी 21 जून, 2024 से लागू हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से यह नीट, यूजीसी-नेट, सीएसआईआर-यूजीसी-नेट और अन्य घोटालों से पैदा हुई स्थिति को संभालने की कोशिश है।
रमेश ने यह भी कहा, ‘‘इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह प्रश्नपत्र लीक होने के बाद के मामले से निपटता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कानून, प्रणालियां और प्रक्रियाएं अधिक महत्वपूर्ण हैं कि प्रश्नपत्र लीक ही नहीं हो।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में एनटीए अब ‘नो ट्रस्ट एजेंसी’ बन गया है और परीक्षाएं एक भयावह त्रासदी बनकर रह गई हैं।
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा द्वारा लाई गई इस त्रासदी का शिकार देश के लाखों मेहनती बच्चे और माता-पिता हो रहे हैं और शिक्षा मंत्रालय कमेटी-कमेटी खेल रहा है।’’ प्रियंका गांधी ने सवाल किया, ‘‘ कब तय होगी जिम्मेदारी? कब होगी कार्रवाई?’’ गौरतलब है कि नीट-यूजी परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) करती है।