शिवाजी की प्रतिमा मामले में ठेकेदार के वकील का दावा-उनका मुवक्किल आत्मसमर्पण करना चाहता था
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में गिरफ्तार किए गए ठेकेदार जयदीप आप्टे के वकील ने दावा किया कि उनका मुवक्किल अपने परिवार से मिलने ठाणे जिले के कल्याण आया था, क्योंकि वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहता था।
आप्टे को पुलिस की एक टीम ने बुधवार रात कल्याण में उसके घर के पास से गिरफ्तार किया।
आप्टे (24) द्वारा बनाई गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा उद्घाटन के नौ महीने से भी कम समय बाद 26 अगस्त को ढह गई थी, जिसके बाद से ही सिंधुदुर्ग पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए सात टीम गठित की थीं।
बुधवार देर रात आप्टे के वकील गणेश सोवनी ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और कानूनी कार्रवाई का सामना करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि आप्टे ने बुधवार को यह निर्णय लिया था और वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए कल्याण आए थे।
सोवनी ने कहा, ‘‘हमने उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की और फैसला किया कि आप्टे के लिए आत्मसमर्पण करना और जांच एजेंसी की सहायता करना उचित होगा।’’
उन्होंने पुलिस के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि आप्टे छिपा हुआ था।
दूसरी तरफ, पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि आप्टे कल्याण में अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आएगा जिसके बाद जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया।
एक अधिकारी ने बताया कि कोई उसे पहचान न सके, इसके लिए उसने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने से महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साध रहा है।
प्रतिमा के गिरने के बाद मालवण पुलिस ने आप्टे और ‘स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट’ चेतन पाटिल के खिलाफ लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया था। पाटिल को पिछले सप्ताह कोल्हापुर से गिरफ्तार किया जा चुका है।