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17 February 2024

एसकेएम के ‘भारत बंद’ आह्वान के मद्देनजर पंजाब में बस सेवाएं ठप, हरियाणा में टोल प्लाजा पर धरना

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को स्वीकार करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के 'भारत बंद' आह्वान के मद्देनजर शुक्रवार को पंजाब में सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिसके चलते यात्रियों को काफी असुविधा हुई।

राज्य में कई स्थानों पर बाजार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। किसानों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और पठानकोट, तरनतारन, बठिंडा और जालंधर में राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने उनकी मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हरियाणा के हिसार में, हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने 'भारत बंद' का समर्थन किया, जिसके चलते बस सेवाएं ठप रहीं। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के सदस्यों ने हरियाणा के कई टोल प्लाजा पर धरना दिया और अधिकारियों पर यात्रियों से टोल टैक्स न वसूलने के लिए दबाव डाला।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, "हम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, ऋण माफी आदि मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।" दिल्ली कूच की योजना को लेकर पूछे गये सवाल पर टिकैत ने कहा, “ शनिवार को सिसौली (मुजफ्फरनगर) में एक बैठक की जाएगी, जहां भविष्य की रणनीति की योजना बनाई जाएगी।"

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भाकियू सदस्यों ने बिजनौर में कुछ गन्ने के वजन मापने वाले केंद्रों पर कामकाज को रुकवा दिया। बागपत में भाकियू सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाकियू के जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा, "बंद के समर्थन में वंदना चौक पर प्रतीकात्मक विरोध का आह्वान किया गया था। किसानों ने आह्वान का समर्थन किया और वे गन्ना खरीद केंद्रों पर नहीं गए।" शाहजहांपुर, बदायूं और मेरठ में बंद का कोई असर नहीं दिखा।

भाकियू (राजेवाल), भाकियू (दकुंडा), भाकियू (लाखोवाल), भाकियू (कादियान) और कीर्ति किसान यूनियन सहित कई किसान संगठन बंद में हिस्सा ले रहे हैं। पंजाब रोडवेज, पनबस और 'पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन' भी संयुक्त किसान मोर्चा के बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं। वे केंद्र के प्रस्तावित “हिट-एंड-रन" कानून का विरोध कर रहे हैं। निजी बस संचालक भी अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं। कई बस अड्डों पर यात्री अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों का इंतजार करते दिखे। बसों की अनुपलब्धता के कारण मुख्य रूप से छात्रों और कार्यालय जाने वालों को असुविधा हुई।

पटियाला बस स्टैंड पर कॉलेज छात्रों ने कहा कि उसे लांडरां रोड जाने के लिए कोई बस नहीं मिली। एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि उसे काम के लिए मोहाली जाना था लेकिन कोई बस उपलब्ध नहीं है। अमृतसर बस स्टैंड पर जालंधर जाने के लिए खड़ी एक महिला यात्री ने कहा कि वह 30 मिनट से अधिक समय से बस का इंतजार कर रही है।

जीरा की रहने वाली सतबीर कौर (32) न कहा कि वह बंद के कारण अपने कार्यालय नहीं जा सकीं। उन्होंने कहा, "मैं हर दिन जीरा से फिरोजपुर तक यात्रा करती हूं लेकिन आज कोई बस उपलब्ध नहीं थी इसलिए मुझे छुट्टी लेनी पड़ी।" फिरोजपुर में अधिकतर शैक्षणिक संस्थान एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और बाजार सुनसान दिखे। प्रदर्शनकारी किसानों ने फिरोजपुर-फाजिल्का रोड पर स्थित गोलू का मौर गांव, मक्खू क्षेत्र में एनएच-54 पर बंगाली वाला पुल और तलवंडी भाई अंडरब्रिज समेत विभिन्न स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर दीं।

सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक पसरीचा ने कहा कि व्यापारियों को इस महत्वपूर्ण समय में किसानों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि अधिकांश व्यवसाय किसानों पर निर्भर है। उन्होंने कहा, "किसानों के समर्थन में आज सभी दुकानें बंद हैं।" मान्यता प्राप्त एवं संबद्ध स्कूल एसोसिएशन (आरएएसए) के अध्यक्ष नरिंदर सिंह केसर ने कहा कि स्कूल बंद हैं और केवल वार्षिक परीक्षा दे रहे कक्षा 10 और 12 के छात्र स्कूल आ रहे हैं।

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TAGS: Sanyukta kisan morcha, Bharat bandh, Bharat bandh impact, narendra modi, Toll plazas in India, Farmer protest, loksabha election 2024
OUTLOOK 17 February, 2024
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