झारखंड विधानसभा चुनाव: पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू
झारखंड में 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 43 विधानसभा क्षेत्रों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हो गई। एक निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 25 अक्टूबर तक जारी रहेगी और पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
झारखंड में 13 नवंबर और 20 नवंबर को दो चरण में चुनाव होंगे और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार समेत केवल पांच लोग ही निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। सामान्य उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 10,000 रुपये निर्धारित की गई है जबकि अनुसूचित जाति (एससी) / अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों को जमानत राशि के तौर पर 5,000 रुपये जमा करने होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार चुनाव प्रचार पर अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है।
चुनाव में लगभग 2.60 करोड़ मतदाताओं के मतदान करने की उम्मीद है। इनमें पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 11.84 लाख होगी और 1.13 लाख मतदाताओं में दिव्यांग, ‘थर्ड जेंडर’ व्यक्ति और 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 2.23 करोड़ थी।
नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर को होगी तथा नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है।
सामान्य श्रेणी के तहत जिन निर्वाचन क्षेत्रों में 13 नवंबर को मतदान होना है उनमें कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बरकागांव, हजारीबाग, बहरागोड़ा, जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम, ईचागढ़, रांची, हटिया, पांकी, डालटनगंज, बिश्रामपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा और भवनाथपुर शामिल हैं।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट में घाटशिला, पोटका, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, जगनाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरपा, खूंटी, मांडर, सिसई, गुमला, बिशुनपुर, सिमडेगा, कोलेबीरा, लोहरदगा और मनिका शामिल हैं।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों - सिमरिया, चतरा, जुगसलाई, कांके, लातेहार और छतरपुर में भी उसी दिन मतदान होना है।
आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार अभियान के दौरान तीन बार समाचार पत्रों और टेलीविजन पर अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होगी। इसी तरह राजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि को सार्वजनिक करना आवश्यक है।