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09 September 2022

झारखंड: 'अंडरवियर' वाली टिप्पणी को लेकर मुख्यमंत्री के भाई विवादों में फंसे, भाजपा ने घेरा

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सत्ता जाने की अटकलों और सियासी उथल-पुथल के बीच उनके भाई व दुमका से विधायक बसंत सोरेन ने यह विवादित बयान देकर नया बवाल खड़ा कर दिया है कि वह ‘इनरवियर’ खरीदने दिल्ली गये थे। 

दुमका विधायक का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें छोटे सोरेन झारखंड से अपनी अनुपस्थिति की व्याख्या करते नजर आ रहे हैं।

वीडियो में वह कहते सुनाई दे रहे हैं, ''हां, मैं वहां (दिल्ली) गया था। मेरे पास अंडरगारमेंट्स खत्म हो गए थे, इसलिए मैं उन्हें खरीदने दिल्ली गया था।''

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पीटीआई स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका।

विधायक के कथित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पूरे सोरेन परिवार को झारखंड से खदेड़ दिया जाएगा क्योंकि इसके सदस्य असंवेदनशील हो गए हैं।

दो आदिवासी लड़कियों की मौत के बाद दुमका विधायक ने बुधवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) दोनों के प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।

पिछले हफ्ते 14 साल की बच्ची पेड़ से लटकी मिली थी। एक व्यक्ति ने शादी का झांसा देकर उसका कथित तौर पर यौन शोषण किया। उसकी मां ने आरोप लगाया कि उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

23 अगस्त को, एक 16 वर्षीय लड़की को एक व्यक्ति ने आग लगा दी थी। पांच दिन बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया।

छोटे सोरेन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के दौरे के दौरान जली हुई लड़की की बड़ी बहन को नौकरी देने का आश्वासन दिया और अधिकारियों को इसके लिए सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने का निर्देश दिया।

भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने भी दुमका विधायक की टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, "जब दुमका की एक आदिवासी बेटी और बहन की हत्या हुई थी, तो स्थानीय विधायक, बसंत सोरेन जी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्यारे भाई, उन परिवारों से मिलने के बजाय दिल्ली में अंडरगारमेंट खरीदने में व्यस्त थे।"

इस बीच, दुबे ने आग लगने की घटना के पीछे बांग्लादेश के बदमाशों का हाथ होने का आरोप लगाया और इसकी एनआईए जांच की मांग की।

उन्होंने कहा, "आरोपी एक बांग्लादेशी है, दुमका के पिंडरगरिया गांव में उसके पिता, मां या किसी रिश्तेदार का कोई पता नहीं है, जो पुलिस के अनुसार उसका पता है।"

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की।

राज्य में राजनीतिक संकट जारी है क्योंकि राज्यपाल को कथित ईसीआई सलाह के आधार पर मुख्यमंत्री को अभी भी अयोग्य ठहराए जाने का खतरा है।

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TAGS: Jharkhand, Chief Minister Hemant Soren, Basant Soren
OUTLOOK 09 September, 2022
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