यमुना को विषाक्त करने वाला बयान केजरीवाल को महंगा पड़ा: खट्टर
केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप नहीं लगाया होता तो उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पांच-सात सीट अधिक जीत सकती थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीट जीतकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी का शासन समाप्त कर दिया। चुनाव हारने वालों में प्रमुख नाम नयी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से केजरीवाल का था।
इस मुद्दे पर यहां संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में खट्टर ने कहा कि कई राज्यों के बीच जल विवाद है, लेकिन केजरीवाल की आदत है कि अगर वह अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं कर पाते तो दूसरों पर दोष मढ़ देते हैं।
खट्टर ने कहा, ‘‘यह उनकी तरफ से एक चुनौतीपूर्ण बयान था। जब केजरीवाल यमुना को साफ करने में विफल रहे, तो उन्होंने कहा कि हरियाणा की तरफ से इसका पानी जहरीला किया जा रहा है। यह बयान उन्हें बहुत महंगा पड़ा है। अगर उन्होंने ऐसा बयान नहीं दिया होता तो उनकी पार्टी 5-7 सीट अधिक जीत जाती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली में 40 प्रतिशत से अधिक लोग हरियाणा से हैं। इस बयान से हरियाणा और दिल्ली के लोगों का अपमान हुआ है। दिल्ली के लिए पानी हरियाणा के पल्ला से आता है। दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पल्ला में पानी की गुणवत्ता मानक के अनुरूप पाई गई।’’
खट्टर ने दावा किया कि वजीराबाद के बाद और फिर आईएसबीटी तथा आईटीओ के बाद पानी की गुणवत्ता बदल जाती है।
उन्होंने कहा कि जब नदी ओखला में पुनः हरियाणा में प्रवेश करती है तो इसके जल की गुणवत्ता बहुत खराब होती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘केजरीवाल के बयान के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दिल्ली की सीमा पर यमुना नदी में आचमन किया। ’’
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने केजरीवाल को उनके बयान पर नोटिस जारी किया और सबूत मांगा, तो वह अपने बयान से पलट गए और दावा किया कि वह पानी में अमोनिया के उच्च स्तर की बात कर रहे थे।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल अदालत केजरीवाल के 'जहर' वाले बयान से संबंधित किसी व्यक्ति की ओर से दायर मामले की सुनवाई कर रही है।