कोलकाता: अमित शाह ने ममता को दी CAA की चुनौती, कहा- "इसे कोई नहीं रोक सकता"
पार्टी के लोकसभा अभियान की शुरुआत करने के लिए कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में घुसपैठ रोकने में असमर्थ हैं। साथ ही साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को घोषणा की कि नरेंद्र मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करेगी और इसे कोई नहीं रोक सकता।
अपने भाषण के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में घुसपैठियों को वोटर और आधार कार्ड खुलेआम और अवैध तरीके से बांटे जा रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "जिस राज्य में इतनी घुसपैठ हो, क्या वहां विकास होगा?“इसलिए ममता बनर्जी सीएए का विरोध कर रही हैं, लेकिन मैं कहूंगा कि सीएए देश का कानून है, और इसे कोई नहीं रोक सकता। हम इसे लागू करेंगे”
बता दें कि 2020 में संसद द्वारा पारित, सीएए 2015 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जोर देकर कहती है कि सीएए असंवैधानिक है और यह कानून मुसलमानों से भेदभाव करता है और एक धर्मनिरपेक्ष देश में नागरिकता को आस्था से जोड़ता है।
केंद्र ने पहले कहा था कि वह सीएए के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया में है। रविवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा था कि सीएए के नियम 30 मार्च 2024 तक तैयार कर लिए जाएंगे। इसी बीच बुधवार को, गृहमंत्री अमित शाह ने एस्प्लेनेड में अपने संबोधन के दौरान आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार ने कम्युनिस्टों के साथ मिलकर बंगाल राज्य को "बर्बाद" कर दिया। उन्होंने कहा, "चुनावी हिंसा के आंकड़े राष्ट्रीय स्तर पर बंगाल में सबसे ज्यादा हैं।"
गृह मंत्री ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि भाजपा 2026 में राज्य विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत के साथ बंगाल में सरकार बनाएगी। “लेकिन उससे पहले, आप सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करे। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि पीएम मोदी जी को फिर से प्रधान मंत्री बनाएं । ग्रहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री माफी को इतनी संख्या में वोट दें कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद उन्हें यह कहना पड़े कि वह बंगाल की वजह से प्रधानमंत्री बने हैं।'’
पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने राज्य की 42 सीटों में से अब तक की सबसे अधिक 18 सीटें जीती थीं।