उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव रिजल्ट: 'किशोरी भैया मुझे शुरू से भरोसा था...' अमेठी में जीत का दावा, प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट
इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भी सब की निगाहें उत्तर प्रदेश पर ही टिकीं हुई हैं। आज मतों की गिनती के बाद परिणाम सभी के सामने होंगे। लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर उत्तर प्रदेश में होता हुआ नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर चुनावी नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। अधिकांश लोकसभा सीटों पर कई राउंड की मतगणना हो चुकी है जिसके बाद प्रदेश की राजनीति अब करवट लेने लगी है और इसकी बानगी धीरे-धीरे सामने आ रहे नतीजों में देखने को मिल रही है। कभी महज पांच सीटों पर जीत हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी 35 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता पीछे चल रहे हैं, जिसमें स्मृति ईरानी और मेनका गांधी का नाम शामिल है। इसके अलावा आजमगढ़ से भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव पीछे चल रहे हैं। भाजपा गाजीपुर, बलिया, जौनपुर, मछलीशहर, आजमगढ़ सहित कई सीटों पर पीछे चल रही है।
मतगणना के शुरूआती रूझानों में इंडिया गठबंधन ने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया है। यूपी में कांग्रेस-सपा को अच्छी बढ़त है। इंडिया गठबंधन 44 सीटों पर आगे चल रहा है तो वहीं बीजेपी केवल 35 सीटों पर और अन्य एक सीट पर आगे चल रही है।
- अमेठी लोकसभा सीट पर वोटों की गिनती जारी है, जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कांग्रेस उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा से पीछे चल रही हैं। वहीं, सामने आ रहे आकड़ों को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘किशोरी भैया, मुझे कभी कोई शक नहीं था, मुझे शुरू से यक़ीन था कि आप जीतोगे, आपको और अमेठी के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई !’
प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर मतगणना जारी है। एक तरफ मेनका गांधी और स्मृति ईरानी जैसे कद्दावर नेता पीछे चल रहे हैं। वहीं जितिन प्रसाद आगे चल रहे हैं। हैरान करने वाले आंकड़े अयोध्या से सामने आ रहे हैं, जहां भाजपा के प्रत्याशी पीछे चल रहे हैं। इसके अलावा मैनपुरी से डिंपल यादव और कन्नौज से अखिलेश यादव आगे चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से आगे चल रहे हैं।
वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत तय हो चुकी है। करीब डेढ़ लाख वोटों से पीएम मोदी आगे चल रहे हैं। वहीं, करीब 1.25 लाख वोट की गिनती बाकी है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय हैं।
- मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी ने कहा, "अभी बहुत ही उत्साहपूर्ण क्षण है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पार्टी आएगी और हम सरकार जरूर बनाएंगे। मथुरा से भी मुझे बहुत अच्छी लीड मिल रही है। अभी सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है..."। हेमा मालिनी ने कहा, मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी की मोदी पीएम बनें।
- उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी 11428 वोटों से पीछे चल रही हैं। मेनका गांधी को अब तक 117320 वोट मिले हैं, जबकि सपा के रामभुअल निषाद को 128748 वोट मिले हैं।
- यूपी: समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, "जो पार्टी जीत रही होती है वह कभी भी हंगामा नहीं चाहती। ... जो हार रहे होते हैं ये उनका काम हंगामा करना होता है। यूपी में बीजेपी बुरी तरह से हार रही है... जनता का फैसला सभी को स्वीकार करना चाहिए..."
- उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "मतगणना शुरू हो चुकी है...भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ 80 की 80 सीटें जीतेगी...विपक्ष आधारहीन है और उनके पास नीति नहीं है। जनता ने उन्हें नकार दिया है..."।
यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा सीट जिसके खाते में जाएगी, वो ही सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। पिछले दो चुनावों से भाजपा का ही दबदबा रहा है। 2014 में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को 73 सीट तो 2019 में 64 सीटें हासिल हुई थीं। इस बार बीजेपी का दावा है कि वह सभी 80 की 80 सीटें जीतने जा रही है। हालांकि, एक जून को आए एग्जिट पोल में भाजपा को 60 से 70 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया।
एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लाभ होने की संभावना जताए जाने के बाद विपक्षी दलों सपा-कांग्रेस ने मतगणना के लिए कमर कस ली है। विपक्षी दलों द्वारा एग्जिट पोल को नकार देने के बाद भाजपा ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा वर्ष 2019 का इतिहास दोहराएगी या फिर सपा-कांग्रेस गठबंधन बाजी मारेगी। वहीं नतीजे कई सियासी सूरमाओं के भाग्य का फैसला करेंगे।
उत्तर प्रदेश पिछले दो बार से देश को प्रधानमंत्री देता आ रहा है। इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी सीट से मैदान में हैं, लेकिन पिछली बार अमेठी लोकसभा सीट से हारने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी रायबरेली सीट से मैदान में हैं। सोनिया गांधी भी इस बार चुनाव में भावुक अपील कर चुकी हैं कि वे अपना बेटा रायबरेली को सौंप रही हैं। अगर, इंडी गठबंधन को बहुमत मिलता है और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी रही तो राहुल गांधी ही पीएम पद के दावेदार होंगे। हालांकि कांग्रेस ने यूपी की महज 17 लोकसभा सीटों पर ही चुनाव लड़ा है। इसके उलट समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी अपना सब कुछ इस चुनाव में झोंक दिया है।
बता दें कि 2012 में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते अखिलेश यादव 2014 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2017 का विधानसभा चुनाव, 2019 का लोकसभा चुनाव और फिर 2022 का विधानसभा चुनाव भी वे हार चुके हैं। एक बार फिर उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है, अगर इस चुनाव में एक बार फिर उनकी हार हुई तो पार्टी में टूट भी देखने को मिल सकती है।
नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव के भाग्य का फैसला
बस कुछ ही देर में शुरू होने वाली मतगणना से साफ हो जाएगा कि केंद्र सरकार का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी पारी की शुरुआत करेंगे या नहीं। वहीं, अपनी विरासत की सीट रायबरेली से मां सोनिया गांधी के स्थान पर मैदान में उतरे राहुल गांधी के भविष्य का भी फैसला होगा। कन्नौज से किस्मत आजमा रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव और मैनपुरी से चुनाव लड़ रहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव की भी सियासी पारी तय होगी।
इन सीटों पर रहेगी नजर
वाराणसी, रायबरेली, अमेठी, मैनपुरी, रामपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, कैराना, मुरादाबाद, नगीना, आजमगढ़, गाजीपुर, घोसी, बलिया, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, राबर्ट्सगंज, बांसगांव, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, कैसरगंज, कौशांबी, प्रतापगढ़, मेरठ, अलीगढ़, एटा, आंवला, बदायूं, धौरहरा, खीरी, इटावा, फर्रुखाबाद। इनमें से कुछ सीटों वाराणसी, रायबरेली, मैनपुरी, अमेठी आदि पर वीआईपी होने के कारण और अन्य सीटों के नतीजे पर रोचक चुनावी मुकाबले के चलते सबकी निगाहें टिकी हैं।