मध्यप्रदेश उपचुनाव: आखिरी दौर में दलित वोटर पर नजर, भाजपा-कांग्रेस में लुभाने की होड़
मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में अब कुछ ही दिन शेष है। ऐसे में दोनों ही बड़ी पार्टियों ने अपने-अपने अंतिम हथियार का प्रयोग शुरू कर दिया है। इन उपचुनावों में जीत की चाबी दलित वोटरों के पास है, इसको देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही उनको अपनी ओर लाने के लिए विशेष तैयारी कर रही है। राज्य में तीन नवंबर को 28 सीटों पर मतदान किया जायेगा।
प्रदेश के जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से अनुसूचित जाति की 9 और अनुसूचित जनजाति की 2 सीट है। इसके अलावा सामान्य सीटों में भी दलित मतदाताओं की संख्या काफी है। इन स्थितियों को देखकर यह तय माना जा रहा है कि जिसके पक्ष में यह वोट बैंक जायेगा उसकी जीत तय है। इसे लेकर उपचुनाव में दलित वोटों को साधने के लिए कांग्रेस-बीजेपी ने विशेष प्लान तैयार किया है। वाल्मीकि जयंती के रूप में राजनीतिक दलों को एक बड़ा अवसर भी मिल गया है। आगामी 31 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती को लेकर दोनों पार्टीयां विशेष आयोजन कर रही है ।
भारतीय जनता पार्टी पंचतीर्थ के जरिए वोटरों को साधेगी तो वहीं कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के दलित विरोधी रवैए को उजागर करने की तैयारी में है। जिसे लेकर दोनों दलों ने तैयारी पूरी कर ली है। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना हैं कि कांग्रेस ने सिर्फ दलित वोटों की राजनीति की है। कभी दलितों के लिए कोई काम नहीं किया। दलितों के उत्थान के लिए बीजेपी ने काम किया है, बाबा साहब अंबेडकर कि जो पांचो स्थली उनके संरक्षण,उनके विकास का काम बीजेपी ने किया और वाल्मीकि जयंती के दिन इन्हीं को लेकर योजना बनाई गई है।
दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस ने कहा 31 अक्टूबर को कांग्रेस वाल्मीकि जयंती का मनाएगी। सभी 28 सीटों परअनुसूचित जाति वर्ग की आरक्षित 9 अनुसूचित जनजाति वर्ग की 2 सीटों पर इस दिन बड़े आयोजन किए जाएंगे। इन सीटों पर बड़े नेताओं के कार्यक्रम की भी योजना बनाई जा रही है। प्रदेश कांग्रेस भाजपा का दलित विरोधी चेहरा और विगत दिनों दलित महिलाओं के साथ हुई घटनाओं को जनता के बीच रखेगी।
अनुसूचित जाति सीट - भांडेर,सांची,अशोकनगर,अंबाह,गोहद,डबरा,करेरा,आगर-मालवा,सांवेर
अनुसूचित जनजाति सीट- अनूपपुर और नेपा-नगर