ममता को अपने पड़ोसी से डर, बोलीं चुनाव में आने की न करें हिमाकत
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के पश्चिम बंगाल में चुनावी सभा करने पर सत्तासीन टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एतराज किया तो झामुमो को सफाई देनी पड़ी। झामुमो ने कहा कि उसकी लड़ाई ममता बनर्जी नहीं भाजपा से है। दीदी की प्रतिक्रिया के बाद झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी से उनकी पार्टी की कोई नाराजगी नहीं है। हम वहां सिर्फ लड़ने के लिए नहीं जीतने के लिए लड़ेंगे।
पश्चिम बंगाल में कम समय में विधानसभा के चुनाव होने हैं। दस साल से सत्ता पर काबिज टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस ने वाम मोर्चा के साथ तालमेल किया है। ऐसे में जंग त्रिकोणीय होने से लड़ाई कांटे की होगी। थोड़े-थोड़े वोटों का महत्व होगा। ममता बनर्जी इसे अच्छी तरह समझती हैं। ऐसे में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वहां से दीदी की पार्टी टीएमसी से अलग चुनाव लड़ने पर ममता बनर्जी को कुछ सीटों पर नुकसान हो सकता है। झामुमो महासचिव ने कहा कि हमारी नाराजगी ममता बनर्जी से नहीं है मगर कोई हमपर एहसान न जताये। हम किसी से खैरात नहीं मांग रहे। 30-35 सीटों पर लड़ने के लिए हम काम कर रहे हैं। तालमेल भी हो सकता है। एक सवाल पर वे कहते हैं कि टीएमसी से अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। झामुमो आदिवासी बहुल, झारखण्ड की सीमा से लगने वाले कोई सात जिलों पर अपना ध्यान केंद्रित किये हुए है। वृहद झारखण्ड के सपने को परोस आदिवासियों के सामने चारा फेंका है।
दरअसल बीते गुरुवार को झारग्राम से झामुमो ने सभा कर चुनावी जंग का आगाज किया तो ममता बिदक गईं। पुराने संबंधों को याद कराया। कहा कि हेमन्त जब शपथ लेने वाले थे समारोह में सबसे पहले मैं शामिल हुई थी। उन्हें पूरा समर्थन दिया था। आज वे बंगाल आये हैं। अपने उम्मीदवारों को उतारना चाहते हैं। झारखण्ड में भी बड़ी संख्या में बंगाली हैं। हम तो वहां वोट मांगने नहीं जाते। तब तो हमें भी वहां लड़ना चाहिए। फिर हेमन्त यहां क्यों आ रहे हैं। ऐसा करेंगे तो आगे हम भी उनके राज्य में जायेंगे। ममता की नाराजगी के बाद झामुमो ने अपना पक्ष रखते हुए सफाई दी कि ममता से उनकी नाराजगी नहीं है। असल लड़ाई भाजपा से है। उसे सत्ता से दूर रखने के लिए तमाम वाजिब प्रयास किये जायेंगे।