Advertisement
29 January 2018

राजस्थान: उपचुनाव में छिटपुट घटनाओं के बीच भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर

ANI

राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए आज परीक्षा की घड़ी है। साथ ही कांग्रेस को खोया आधार पाने का मौका भी जनता दे सकती है। मतदान शाम तक चलेगा। ताजा जानकारी के अनुसार सुबह 10.30 बजे तक करीब 23 फीसदी मतदान हो चुका है। अलवर, अजमेर लोकसभा उपचुनाव के साथ मांडलगढ़ विधानसभा की सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है। अजमेर में एक बूथ पर शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प को छोड़कर मतदान शांतिपूर्वक चल रहा है।

मांडलगढ़ में कांग्रेस भारी पड़ती नजर आ रही है, वहीं अजमेर और अलवर में दोनों पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है। दोनों सीटों पर गणित और समीकरण पूरी तरह जातीय हो चुके हैं। अलवर में सर्वाधिक मतदाताओं के साथ यादव वोट बैंक बंट चुका है। यहां पर दोनों ही दलों ने यादव उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। यादव समाज के बाद मेव और जाट समुदाय यहां पर बहुत बड़ा मतदाता है। हालांकि, पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र के मैदान से हटने के बाद कांग्रेस के लिए काफी दिक्कतें हुई हैं, लेकिन अखिल भारतीय स्टूडेंट मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले खेमराज गूर्जर को बेरोजागारों का उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारने के कारण बीजेपीे लिए परेशानी का सबब बना गया है।

इधर, अजमेर में सर्वाधिक मतदाता जाट समुदाय से हैं। उसके बाद मुसलमान और ब्राह्मण हैं। यहां पर 60 हजार की जनसंख्या के साथ राजपूत समुदाय भी काफी महत्वपूर्ण है, जो सरकार और बीजेपी से खासा नाराज बताया जा रहा है। इस समुदाय की वोटिंग यहां पर बीजेपी के लिए काफी कुछ तय करने में कामयाब होगी। हालांकि, जिस तरह की सूचना आ रही है, उससे साफ है कि राजपूत समुदाय इस बार वोटिंग करने को लेकर उत्साहित नहीं है। ऐसे में यहां पर जाट समुदाय द्वारा अधिक से अधिक वोटिंग करना बीजेपी के लिए अति महत्वपूर्ण है। बीजेपी के उम्मीदवार रामस्वरूप लाम्बा जाट समाज से हैं। कांग्रेस की तरफ से रघु शर्मा हैं।

Advertisement

ऐसा माना जा रहा है कि अजमेर में कांग्रेस के चीफ सचिन पायलट की इज्जत दांव पर लगी हैं। वह पूर्व में 2009 से 2014 तक सांसद रहे हैं। इसी तरह से अलवर में भंवर जितेंद्र सिंह के साथ बीजेपी के उम्मीदवार जसवंत सिंह यादव के भी भविष्य का फैसला हो जाएगा। हालांकि, हारने की स्थिति में भी जसवंत सिंह राज्य में कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे, लेकिन फिर भी उनके विरोधियों द्वारा जिले से उनको निपटाने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी प्रचार के दौरान फोकस अलवर के बजाए अजमेर सीट पर ज्यादा रहा है। यहां पर उनके खास रहे पूर्व सांसद सांवरलाल जाट के पुत्र रामस्वरूप लाम्बा मैदान में हैं।

हालांकि, शुरुआत में बिखरी सी नजर आ रही कांग्रेस अंतिम दिन तक एकजुट हो चुकी है। किन्तु पूरी राज्य कैबिनेट और स्वयं मुख्यमंत्री राजे के लगातार प्रचार में ताकत झोंकने के कारण अजमेर में बीजेपी का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। अलवर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनता दिखाई दे रहा है। लेकिन मतदाताओं का रूख अभी स्पष्ट नहीं है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: direct fight, BJP, Congress, Sporadic incidents, Rajasthan by-poll
OUTLOOK 29 January, 2018
Advertisement