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12 February 2020

भाजपा के ‘जय श्रीराम’ पर अब आप का जवाब होगा ‘जय हनुमान’

दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगभग 2015 जैसी ही धमाकेदार जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था, “आज हनुमानजी का दिन है, दिल्ली के लोगों को उनका आशीर्वाद मिला है।”

कुछ दिन पहले, केजरीवाल ने भाजपा नेताओं सहित तमाम विरोधियों को उस समय उलझन में डाल दिया जब एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह ‘कट्टर हनुमान भक्त’ हैं। इसके बाद उन्होंने हनुमान चालीसा भी सुनाया। उससे कुछ दिन पहले वे एक हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए भी गए। केजरीवाल की हनुमान भक्ति से भाजपा की परेशानी बढ़ सकती है।

दिल्ली चुनाव में भारी जीत का श्रेय भी केजरीवाल ने हनुमानजी को दिया। धमाकेदार जीत के रूप में हनुमानजी का आशीर्वाद पाने के बाद केजरीवाल ने कहा, “मैंने भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी से प्रार्थना की है कि वे अगले पांच साल में दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए उन्हें सही रास्ता दिखाएं।”

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आप के सूत्रों का कहना है कि खुद को ‘कट्टर हनुमान भक्त’ के तौर पर पेश करने का निर्णय केजरीवाल ने अनायास नहीं लिया है। दशकों से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाकर खुद को हिंदुत्व का पैरोकार बताने वाली भाजपा को अब आप ‘जय बजरंग बली’ या ‘जय हनुमान’ के नारे से जवाब दे सकती है।

केजरीवाल के एक सहयोगी ने बताया कि पार्टी हनुमान जी के शुभंकर को उसी तरह अपनाने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है जैसे भाजपा पिछले तीन दशकों से भगवान श्रीराम का इस्तेमाल करती रही है। भाजपा आप को हिंदू विरोधी या राष्ट्र विदेशी नहीं बता सकेगी अगर हमारे नेता खुद को हनुमान जी के भक्त के रूप में बताते हैं क्योंकि हनुमान जी ही भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं जिनके इर्द-गिर्द भाजपा अपनी राजनीति चलाती है।

आने वाले वर्षों में भाजपा के खिलाफ हनुमान जी को अपनाने से केजरीवाल को कितना फायदा होगा, अभी इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि भाजपा को टक्कर देने के लिए हनुमान जी को अपनाने से आप के उदारवादी अथवा वामपंथी यानी मध्यमार्गी वोट बैंक पर कितना असर पड़ेगा। आप को राजनीति की इस ऊंचाई पर लाने में इस वोट बैंक की अहम भूमिका रही है।

इस बार के चुनाव में भी यह बात सामने आ चुकी है िक दिल्ली में कांग्रेस गैर-भाजपा मतदाताओं के लिए विकल्प नहीं बन सकती है। आप के सूत्रों का कहना है कि मुस्लिमों के लिए दिल्ली में कोई अन्य विकल्प नहीं है, ऐसे में उन्हें केजरीवाल को उदार हिंदुत्ववादी छवि पाने के बाद भी वोट देना होगा। यही वजह है कि आप ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर चुप्पी साध ली और अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन किया। आप ने न सिर्फ शाहीन बाग प्रदर्शन पर रणनीतिक दूरी बनाकर रखी, बल्कि केजरीवाल यह भी कह दिया कि अगर दिल्ली पुलिस उनके अधीन कर दी जाए तो विरोध प्रदर्शनों को दो घंटे में खत्म करवा देंगे।

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TAGS: AAP, BJP, Delhi election, hindutva, Shaheen bagh, CAA
OUTLOOK 12 February, 2020
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