अब कैलाश विजयवर्गीय का लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार, कहा- मेरा बंगाल में रहना कर्तव्य है
मंगलवार शाम को कांग्रेस की तरफ इंदौर से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का सभी को ब्रेसब्री से इंतजार है। इसी बीच इंदौर से टिकट के सबसे मजबूत दावेदार भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार सुबह ट्वीट कर इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार दिया। विजयवर्गीय ने इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पंकज संघवी का नाम घोषित होने के तकरीबन 12 घंटे बाद खुद को चुनावी टिकट की दावेदारी से अलग किया।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ‘इंदौर की जनता, कार्यकर्ता व देशभर के शुभ चिंतकों की इच्छा है कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ, समृद्ध भारत के लिए नरेंद्र मोदी को एक बार फिर पीएम बनाना है। पश्चिम बंगाल की जनता मोदीजी के साथ खड़ी है, मेरा बंगाल में रहना कर्तव्य है... अतः मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है’। विजयवर्गीय ने एक बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए हैं।
'भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्धांत है’
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्धांत है- Nation First-Party Second-Self Last. जहां सवाल देशहित और पार्टी हित का हो वहां स्वयं का कोई महत्व नहीं रह जाता। हमारे सामने पश्चिम बंगाल में पार्टी को अधिकाधिक सीटे जिताने का लक्ष्य है,यह लक्ष्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी चुनौती भी है।'
'आशा है कि आप देशहित एवं पार्टीहित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे’
आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'आशा है कि आप भी देशहित एवं पार्टीहित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे व पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनाएगी, उनकी जीत के लिए, जी जान से जुट जाएंगे। मेरी न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश के मतदाताओं से विनती है कि एनडीए जैसी मजबूत सरकार एवं मोदीजी जैसे मजबूत पीएम के लिए मतदान करें। यही विनय।'
विजयवर्गीय के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान पर कांग्रेस का निशाना
इस बीच, विजयवर्गीय का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘ताई (सुमित्रा महाजन का लोकप्रिय उपनाम) की तरह भाई (विजयवर्गीय) ने भी टिकट नहीं मिलता देख कह दिया कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं। विजयवर्गीय एक दिन पूर्व तक तो कह रहे थे कि उनके लिए बंगाल की चुनौती बड़ी है, लेकिन पार्टी आदेश देगी तो वह इंदौर से लोकसभा चुनाव लड़ लेंगे’।
इससे पहले सुमित्रा महाजन ने किया था इनकार
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। ‘ताई’ (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से प्रसिद्ध वरिष्ठ भाजपा नेता इंदौर क्षेत्र से वर्ष 1989 से सतत चुनाव जीत रही हैं। भाजपा की ओर से इस बार भी महाजन को मध्यप्रदेश की इस सीट से भाजपा के टिकट का शीर्ष दावेदार माना जा रहा था।
इंदौर सीट से भाजपा प्रत्याशियों के रूप में इनकी चर्चा
इंदौर सीट से भाजपा के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर व पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, भाजपा के अन्य विधायक-रमेश मैंदोला, पूर्व लोकसभा सांसद कृष्णमुरारी मोघे और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम भी चर्चा में बने हैं।