Advertisement
03 December 2023

मध्यप्रदेश में बीजेपी को प्रचंड बहुमत: भाजपा 164, कांग्रेस 64 सीट पर आगे, केंद्रीय मंत्री तोमर और कुलस्ते मतगणना में पीछे

मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम का अब सभी को बेसब्री से इंतजार है। राज्य के 230 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती जारी है। मतगणना के अब तक के रुझानों के अनुसार सत्तारूढ़ भाजपा प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने की ओर अग्रसर प्रतीत हो रही है लेकिन केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और फग्गन सिंह कुलस्ते मतगणना में पीछे हैं। बता दें कि प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव कराए गए थे।

निर्वाचन आयोग के आंकडों के अनुसार भाजपा 164, कांग्रेस 65 सीट पर आगे है। वहीं, नतीजों की बात करें तो भाजपा 77 सीटें जीत चुकी है और कांग्रेस के पाले में 17 सीटें आईं हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आठवें दौर की गिनती के बाद मुरैना जिले की दिमनी सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया से 1,667 मतों के अंतर से पीछे हैं।

आंकड़ों के अनुसार नरसिंहपुर से केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार प्रहलाद पटेल 6,923 हजार से अधिक मतों से आगे हैं। जबलपुर पश्चिम से भाजपा के उम्मीदवार एवं सांसद राकेश सिंह 15,458 हजार से अधिक मतों से आगे हैं। सतना से सांसद एवं भाजपा उम्मीदवार गणेश सिंह 1370 से अधिक मतों से आगे हैं। सीधी से सांसद एवं भाजपा उम्मीदवार रीति पाठक 2838 मतों से आगे हैं। गाडरवारा से भाजपा उम्मीदवार एवं सांसद उदय प्रताप सिंह 15,692 से अधिक मतों से आगे हैं।

Advertisement

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार इंदौर-1 से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं भाजपा उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय 19,940 मतों से आगे हैं।

राऊ से भाजपा के मधु वर्मा कांग्रेस के जीतू पटवारी से 18,702 मतों से आगे हैं। लहार से कांग्रेस उम्मीदवार एवं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह 1,269 मतों से पीछे चल रहे हैं। दतिया से प्रदेश के गृह मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार नरोत्तम मिश्रा 2,243 मतों से पीछे हैं।

मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं, "हमने कहा था 'मध्य प्रदेश के मन में मोदी और मोदी के मन में मध्य प्रदेश' हैं. लोगों ने आशीर्वाद दिया....मुझे गर्व है कि भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के काम से हम हर बूथ पर 51% मतदान का संकल्प पूरा कर रहे हैं। मुझे भाजपा कार्यकर्ताओं पर गर्व है, लोगों ने पीएम मोदी को आशीर्वाद दिया है...''

प्रदेश में रिकॉर्ड 77.82 प्रतिशत मतदान

राज्य में इस बार 2533 प्रत्याशी मैदान में थे। अब तक हुए विधानसभा चुनावों के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड 77.82 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2018 के चुनावों की तुलना में 2.19 प्रतिशत ज्यादा है। इसमें भी 78.21% पुरुष और 76.03% महिलाओं ने मतदान किया। इसके मुकाबले 2018 के चुनावों में 75.63% वोटिंग हुई थी, जो इससे पहले तक एक रिकॉर्ड थी।

एग्जिट पोल में भाजपा को बढ़त

राज्य में 230 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत होगी। एग्जिट पोल के अनुसार, मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी 140-162 सीटें जीत सकती है जबकि कमलनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही कांग्रेस 68-90 सीटों के अनुमान के साथ काफी पीछे है। बीजेपी के लिए औसत सीट अनुमान 152 है और कांग्रेस के लिए 76 है।

पार्टियों ने किए अपनी-अपनी जीत के दावे

हालांकि, चुनावी परिणाम से पहले भाजपा और कांग्रेस लगातार अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ जैसे राजनीतिक दिग्गजों सहित 2,533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। चौहान ने दावा किया कि उनकी पार्टी ‘‘भारी बहुमत’’ के साथ सत्ता बरकरार रखेगी, जबकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ ने कहा कि उन्हें राज्य के मतदाताओं पर ‘‘पूरा भरोसा’’ है। राज्य की 230 सीट में से 47 अनुसूचित जनजाति के लिए और 35 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मुख्यमंत्री चौहान (बुधनी सीट से) और कमल नाथ (छिंदवाड़ा) के अलावा तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा हैं। इंदौर-1 से चुनाव लड़ने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के तीन लोकसभा सदस्यों- राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक की चुनावी किस्मत का भी आज फैसला होगा। उम्मीद की जा रही है कि रविवार सुबह 10 बजे तक सभी सीटों के रुझान मिल जाएंगे। हालांकि 2018 की बात करें तो भाजपा को 109 और कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी। बसपा को दो, सपा को एक और निर्दलियों को चार सीटें मिली थी। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने 15 साल बाद मध्य प्रदेश में सरकार बनाई थी। हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हुए। तब शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बने। साढ़े तीन साल में भाजपा ने उन गलतियों को दूर करने की भरसक कोशिश की, जिनकी वजह से उसे 2018 में सत्ता से दूर होना पड़ा था। लाड़ली बहना जैसी योजनाएं भी लागू की, जिसके तहत करीब 1.31 करोड़ महिलाओं के खाते में हर महीने 1,250 रुपये डाले जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री समेत 32 मंत्रियों का भविष्य दांव पर

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री समेत 32 मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा है। शिवपुरी से यशोधरा राजे सिंधिया ने स्वास्थ्य कारणों से चुनाव नहीं लड़ा। सिंधिया समर्थक मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट काटा गया है। वह मेहगांव से विधायक थे। इन्हें छोड़ दें तो शिवराज समेत 32 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा ने ज्यादातर विधायकों को फिर मौका दिया है। साथ ही कई सीटों पर पूर्व विधायक चुनाव मैदान में हैं।  वर्ष 2018 में 13 मंत्री चुनाव हारे गए थे।

कांग्रेस में सीएम का चेहरा स्पष्ट लेकिन भाजपा चुप

कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पिछली बार विवाद की स्थित बनी थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री बनने के दावेदार थे। कांग्रेस के चुनाव अभियान का नेतृत्व भी उनके पास था। इसके बाद भी कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, इस बार कांग्रेस में कोई विवाद नहीं है। कमलनाथ स्पष्ट तौर पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। यह बात अलग है कि इस बार भाजपा में असमंजस की स्थिति नजर आ रही है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Assembly Elections 2023, 'Kamal' or 'Kamalnath', Madhya Pradesh, counting of votes
OUTLOOK 03 December, 2023
Advertisement