सीएए विरोधी आंदोलन का असर, दिल्ली चुनाव में इन तीन सीटों पर सबसे ज्यादा वोटिंग
दिल्ली विधानसभा के लिए शनिवार को हुए चुनाव में अल्प संख्यकों के बाहुल्य वाले तीन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। इन क्षेत्रों में मुस्तफाबाद, मटिया महल और सीलमपुर शामिल हैं। यह जानकारी चुनाव अधिकारियों ने दी है।
इन क्षेत्रों मे सबसे ज्यादा मतदान
चुनाव अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराई गए आंकड़ों के मुताबिक उत्तर-पूर्व दिल्ली के मुस्तफाबाद क्षेत्र में शनिवार की शाम को पांच बजे तक सबसे ज्यादा 66.29 फीसदी मतदान हुआ। पुरानी दिल्ली के मटिया महल में 65.62 फीसदी वोटिंग हुई। इस क्षेत्र में नागरिकता संशोधन कानून (सीए) विरोधी प्रदर्शन हुए थे। सीएए विरोधी प्रदर्शन वाले एक अन्य क्षेत्र सीलमपुर में 64.92 फीसदी मतदान हुआ। यहां भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
शाहीन बाग, जामिया नगर में लंबी लाइनें
शाहीन बाग और जामिया नगर में शनिवार को मतदान केंद्रों पर लंबी लाइनें लगी रहीं। ये दोनों स्थान सीएए विरोधी आंदोलन-धरनों के लिए खासे चर्चाओं में हैं। शाहीन बाग में धरना पिछले डेढ़ महीने से चल रहा है। ये दोनों स्थान ओखला विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। इसके अलावा जाफराबाद और तुर्कमान गेट क्षेत्र में भी लंबी लाइनें देखी गईं।
शाहीन बाग में महिलाओं की रणनीति
शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाओं के बीच गजब का तालमेल दिखाई दिया ताकि वे सभी वोट दे सकें और धरना भी जारी रहे। महजबीन वोट देने के बाद धरना स्थल पर लौट आईं। उन्होंने कहा कि वह वोट देने के बाद कुछ समय घर पर भी रही ताकि घर की दूसरी महिलाएं वोटिंग के लिए बाहर जा सकें। उसके बाद वह धरना स्थल पर आ गई। उन्होंने कहा कि उन्हें लोकतंत्र बचाने के लिए मतदान किया है।
दिल्ली में इस बार 61.46 फीसदी मतदान
दिल्ली चुनाव में इस बार 61.46 फीसदी मतदान हुआ है, जो 2015 के 67.47 फीसदी मतदान से कम है। एक्जिट सर्वे से संकेत मिल रहे हैं कि आप विकास के मुद्दे पर आसानी से सत्ता बचा सकेगी। भाजपा ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों को मुद्दा बनाकर आक्रामक प्रचार अभियान चलाया था।