बंगाल चुनाव: मोदी का 18000 और 5 लाख रुपये का प्लान, जिसके भरोसे ममता को हराने की है तैयारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के आठ चरणों के चुनावों में से पहले चार चरणों में ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने तय किया है कि दो मई को मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी की सत्ता चली जाएगी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आ जायेगी। उन्होंने लोगों से कहा,“ अपनी वोट की ताकत को समझें। आपका एक वोट गरीबों के बैंक खाते में 18,000 रुपये जमा करने में भाजपा की मदद कर सकता है।”
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि दीदी (सुश्री बनर्जी) ने कोई भी नगर निगम के चुनाव नहीं कराये और टाेलाबाजों के हाथ में पूरी सत्ता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी टोलाबाज के वह ‘हर घर जल’ योजना पर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दीदी के 10 वर्षों के रिपोर्ट कार्ड से उनकी कारगुजारियों का पता चल जाता है। इस दौरान राजनीतिक स्वार्थ के लिए बंगाल के लोगाें की हत्या की गयीं, बंगाल के लोगों को लूटने के लिए टोलाबाज को लाभ पहुंचाया गया और अपने सिंडिकेट को शक्तिशाली बनाने के लिए बंगाल के लोगों के साथ विश्वासघात किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी जैसे लोगों के कारण श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि दीदी ने अनुसूचित जाति को भिखारी कहकर उनका अपमान किया लेकिन भाजपा के लिए उनका सम्मान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने कहा,“ दीदी की योजना थी कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दलित वोट नहीं दें। यह आमतौर पर कहा गया कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय बलों को घेरें, लेकिन दीदी आप ध्यान से सुन लो आप किसी से मतदान देने का अधिकार नहीं छीन सकतीं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि दीदी हार के डर से परेशान हैं और उनकी पार्टी सभी हदों को पार कर रही है। उनके लोग एससी, एसटी और ओबीसी को इसलिए गाली दे रहे हैं क्योंकि वे भाजपा को समर्थन दे रहे हैं। अपनी हार को निश्चित मानते हुए दीदी ने उन्हें वोट देने से रोकने और अपने गुंडों को वोट देने में मदद करने की रणनीति बनाई है।
प्रधानमंत्री ने कहा,“ हमारा लक्ष्य कल्याणी और उसके आसपास के स्थानों को ‘आत्मानिर्भर’ बनाना है। आपकी एम्स की मांग को पूरा किया जाएगा। अगर कोई गरीब बीमार पड़ जाता है, तो उसकी मदद मिलनी चाहिए। हर सरकार को ऐसा करना चाहिए। भारत सरकार पांच लाख खर्च रुपये करने को तैयार है लेकिन दीदी ऐसा नहीं होना देने चाहती। दीदी गरीबों पर गुस्सा करती हैं।