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02 November 2020

बिहार विधानसभा चुनाव: मुजफ्फरपुर जिले की पांच सीटों पर त्रिकोणीय जंग, भागलपुर में लोजपा ने एनडीए की मुश्किलें बढ़ाई

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में शाही लीची के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में मशहूर मुजफ्फरपुर जिले में पांच सीटों पर त्रिकोणीय जंग देखने को मिलेगी। वहीं भागलपुर जिले की पांच सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अपने प्रत्याशी खड़े कर राजग की मुश्किलें बढ़ा दी है।

मुजफ्फरपुर जिले की 11 विधानसभा सीट में से पांच सीट मीनापुर, कांटी, बरूराज, पारु, साहिबगंज पर दूसरे चरण के तहत तीन नवंबर को मतदान काराये जायेंगे जबकि छह अन्य सीट गायघाट, औराई, बोचहा (सु), सकरा, कुढ़नी और मुजफ्फरपुर सीट पर तीसरे चरण के तहत सात नवंबर को मतदान होना है।

               मीनापुर विधानसभा सीट पर महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने निवर्तमान उम्मीदवार राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव को मैदान में उतारा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में तालमेल के तहत यह सीट जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के खाते में चली गयी। जदयू ने पहली बार चुनाव लड़ रहे मनोज कुमार को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक दिनेश प्रसाद के पुत्र अजय कुमार ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का दामन थाम लिया और चुनावी रणभूमि में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। वर्ष 2015 में राजद के श्री यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अजय कुमार को 23940 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। दिनेश प्रसाद इस सीट से वर्ष 2000, अक्टूबर 2005, वर्ष 2010 में निर्वाचित हो चुके हैं। मीनापुर विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशी चुनावी रण में उतरे हैं, जिनमें 16 पुरुष और चार महिला शामिल है।
              
       बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बरुराज सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी है। राजद के निवर्तान विधायक नंद किशोर राय चुनावी समर में फिर से भाग्य आजमा रहे हैं वहीं भाजपा की ओर से पूर्व विधायक बृजकिशोर सिंह के पुत्र अरुण कुमार सिंह उन्हें चुनौती दे रहे हैं। पूर्व विधायक शशि कुमार राय के पुत्र राकेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपने चाचा और विधायक नंदकिशोर राय को चुनौती देने में लगे हैं। एक ही परिवार से दो-दो उम्मीदवार क्षेत्र में चर्चा का विषय हैं। नंद कुमार राय के लिए पहली चुनौती भतीजे राकेश कुमार हैं। उन्हें राजद के वोट बैंक पर भरोसा है तो राकेश कुमार भी पिता शशि कुमार राय के नाम के साथ मैदान में उतरे हैं। वर्ष 2015 में राजद के श्री राय ने भाजपा के श्री सिंह को 4909 मतों के अंतर से परास्त किया था। शशि कुमार राय ने वर्ष 1985, 1990, 1995, 2000 और अक्टूबर 2005 में इस सीट से जीत हासिल की है। बरूराज सीट से केवल 14 पुरुष प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं।

वहीं भागलपुर जिले की पांच सीटों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने अपने प्रत्याशी खड़े कर राजग की मुश्किलें बढ़ा दी है।

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                भागलपुर जिले में विधानसभा की कुल  सात सीटें हैं और इनमें से चार भागलपुर, कहलगांव, पीरपैंती एवं बिहपुर पर महागठबंधन का कब्जा है वहीं शेष तीन नाथनगर,गोपालपुर तथा सुल्तानगंज में राजग ने पिछले चुनाव में अपना परचम लहराया था । प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को हुये चुनाव में सुल्तानगंज और कहलगांव सीट के लिए मतदान हो चुका है।
               
         बिहार में कभी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का गढ़ माने जाने वाले पीरपैंती (सुरक्षित) सीट पर वर्ष 1972 से 1995 तक भाकपा के दिग्गज नेता अंबिका प्रसाद का कब्जा रहा। इसके बाद कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल(राजद) एवं भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) प्रत्याशी काबिज हुए। फिर, वर्ष 2015 के चुनाव में राजद के रामविलास पासवान ने भाजपा के ललन पासवान को करीब 32 हजार मतों से शिकस्त देकर इस सीट पर राजद का कब्जा कायम किया। इस बार भी दोनों प्रत्याशी फिर से मैदान में है लेकिन इस बार टिकट पाने से वंचित भाजपा के बागी पूर्व विधायक अमन कुमार निर्दलीय मैदान में कूदकर यहां के चुनावी संघर्ष को त्रिकोणीय बनाने मे लगे हुए हैं। इससे राजग के ललन पासवान की मुश्किलें बढ़ गई है। इन तीन प्रत्याशी समेत कुल 21 प्रत्याशी मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। यहां  कुल तीन लाख 33 हजार 888 मतदाता हैं।
        
       मिनी राजस्थान के नाम से मशहूर भागलपुर  सीट पर काबिज  महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को टक्कर देने के लिए राजग की ओर से भाजपा के रोहित पांडेय को उतारा गया है। वहीं, दोनों के खिलाफ लोजपा ने उप महापौर राजेश वर्मा को खड़ा किया है। यहां से कुल आठ प्रत्याशी मैदान में है। भाजपा और लोजपा दोनों  के प्रत्याशी नये चेहरे हैं और हाल के कुछ वर्षों से भागलपुर शहर में उन दोनों की गतिविधियों से जनता परिचित हुई है। यह सीट भाजपा की परम्परागत मानी जाती रही है। जनसंघ से जुड़े वर्तमान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने लंबे समय तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। श्री चौबे के बक्सर से भाजपा के टिकट पर सांसद चुने जाने के बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा के खिलाफ भाजपा ने उनके पुत्र अर्जित शाश्वत को उतारा था लेकिन भाजपा के ही विजय साह ने टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजतन, भाजपा प्रत्याशी की हार हुई और विजय साह के कारण कांग्रेस के अजीत शर्मा ने  दस हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी।

 

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TAGS: बिहार विधानसभा चुनाव, मुजफ्फरपुर सीट, भागलपुर, लोजपा, एनडीए, जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी, कांग्रेस, बिहार, Bihar Assembly Election, Muzaffarpur district, LJP, NDA, Bhagalpur
OUTLOOK 02 November, 2020
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