राष्ट्रीय संकट पैदा कर रही है भाजपा- शिवसेना
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने आज एक संपादकीय में कहा, जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ सरकार बनाने के फैसले से भाजपा अपनी उंगलियां जला सकती है। सिर्फ इतना ही नहीं, हमें ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यह गठबंधन भारत को संकट में भी डाल सकता है।
शिवसेना के मुखपत्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार से यह मांग भी की कि वह सईद के उस बयान की संसद में निंदा करे, जिसमें सईद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो जाने का श्रेय अलगाववादियों और पाकिस्तान को दिया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना सामना के संपादकीय में कहा गया कि जो लोग सईद की पृष्ठभूमि से वाकिफ हैं, वे उनके साथ चाय पे चर्चा करने और हाथ मिलाने के लिए तैयार नहीं होते।
इसमें आगे कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनावों का श्रेय हुर्रियत और सीमापार के लोगों को देकर सईद ने साबित किया है कि वह एक राष्टवादी नहीं हैं।
शिवसेना ने कहा, अभी उनकी टिप्पणियों से पैदा विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि सईद की पार्टी ने अफजल गुरु के अवशेषों को वापस घाटी में लाने की मांग कर दी। यहां तक कि सईद के साथ मंत्रालय-गठन संबंधी वार्ताएं करने वाले राम माधव (भाजपा के महासचिव) भी उनके विषैले बयानों को रोक नहीं पाए।
इसमें आरोप लगाया गया कि पूर्व में सईद ने कश्मीर के विभाजन की मांग का कोई मौका छोड़ा नहीं। इसके साथ ही संपादकीय में आरोप लगाया गया कि उन्होंने पाकिस्तानी आतंकियों को रिहा करवाने के लिए अपनी बेटी के अपहरण का नाटक रचा था।
संपादकीय में कहा गया, पिछले 40-50 साल में सईद को जब-जब मौका मिला, उन्होंने स्वतंत्रा कश्मीर की मांग की। जब वह (नेशनल फ्रंट के मंत्रिमंडल में) गृहमंत्री थे, सरकार को उनकी अपहृत बेटी को छुड़वाने के बदले में पाकिस्तानी आतंकियों को रिहा करना पड़ा।
इसमें दावा किया गया, बाद में पता चला कि सईद ने आतंकियों की रिहाई के लिए खुद अपनी बेटी के अपहरण का नाटक रचा था।
शिवसेना ने आगाह किया, यदि सईद ने ये विषैले बयान देने जारी रखे तो भारत को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया जाना चाहिए और सरकार को संसद में स्पष्ट शब्दों में कहना चाहिए कि वह सईद के बयानों से असहमत है।