‘भाजपा का केरल में खाता नहीं खुलेगा’
चांडी ने पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा है कि भगवा पार्टी को राज्य में पैर जमाने के लिए कोई आधार नहीं मिलने वाला क्योंकि केरलवासियों की सोच भाजपा की विचारधाराओं के खिलाफ है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की अध्यक्षता कर रहे चांडी ने कहा, ‘भाजपा को केरल में कभी आधार नहीं मिल सकता क्योंकि केरलवासियों की सोच भगवा पार्टी की विचारधारा के पक्ष में नहीं है।’ उनसे पूछा गया था कि क्या भाजपा आगामी चुनावों में राज्य में अपना खाता खोल पाएगी?
भाजपा अब तक इस राज्य में कोई विधायक या सांसद देने में सफल नहीं रही है। लेकिन राज्य में हाल ही में हुए नगर निकाय के चुनावों में तुलनात्मक रूप से अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा को उम्मीद है कि इस बार चीजें अलग होंगी। पार्टी ने केरल के शक्तिशाली एझावा समुदाय के संगठन एसएनडीपी (श्री नारायण धर्म परिपालन योगम) द्वारा हाल ही में गठित राजनीतिक दल बीडीजेएस (भारत धर्म जन सेना) के साथ गठबंधन किया है।
यह पहली बार है, जब भाजपा ने राज्य में एनडीए की मौजूदगी दर्ज कराई है और खुद को यूडीएफ और माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ के सामने तीसरे विकल्प के रूप में पेश किया है। अब तक राज्य की सत्ता पर इन्हीं दोनों का कब्जा रहा है। भगवा पार्टी द्वारा राज्य की द्विध्रुवीय राजनीति को तोड़े जाने की संभावना को खारिज करते हुए चांडी ने कहा कि राज्य के लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। चांडी ने कहा, केरल की सबसे बड़ी ताकत धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव है। हालांकि राज्य में राजनीतिक विभाजन की संभावना है लेकिन भाजपा बांटने वाली नीतियों के जरिये राजनीतिक लाभ लेने में सफल नहीं होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा, भाजपा केरल में कभी आधार हासिल नहीं कर सकती। कांग्रेस द्वारा नेमोम समेत कुछ इलाकों में भाजपा के साथ एक मौन सहमति बना लेने के माकपा के प्रदेश सचिव के. बालकृष्णन के आरोपों को खारिज करते हुए चांडी ने कहा कि यह चुनाव से पहले हार मान लेना है। माकपा पर तंज कसते हुए चांडी ने कहा, माकपा की कोशिश भाजपा पर आरोप लगाकर अपनी भावी हार की वजह तलाशने की है।