वकील होकर भी मोदी-जेटली के झांसे में आ गया: जेठमलानी
उन्होंने कहा कि वह लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी का देश के नेता के तौर पर प्रचार करने और उन्हें समर्थन देने के पाप का प्रायश्चित करने आए हैं। काले धन के मुद्दे पर जेठमलानी का कहना है कि मोदी सरकार और पिछली यूपीए की सरकार ने ही विदेशी पनाहगाहों से काले धन को वापस लाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने काला धन रखने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं करने के लिए पी. चिदंबरम और अरुण जेटली दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया, अगर हम वाकई काला धन वापस लाना चाहते हैं तो पी. चिदंबरम और अरण जेटली दोनों को पहले गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
जेठमलानी पूर्व सैनिकों केएक रैंक एक पेंशन की मांग के लिए हो रहे कार्यक्रम में भाग लेने पटना आए हुए थे। कार्यक्रम में जेठमलानी ने हाल ही में आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख के दिए बयान का विरोध करते हुए कहा कि आरक्षण खत्म करने का समय अभी नहीं आया है और इस पर बात करने का यह उचित समय नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कुछ होना भी है तो वो संविधान संशोधन के जरिये ही होगा न कि आऱएसएस के निर्देश पर। आगामी बिहार चुनावों की सरगर्मी बढ़ाते हुए उन्होंने लोगों से कहा वे लोग जेठमलानी को मूर्ख बना सकते हैं लेकिन बिहार की जनता को नहीं। चुनाव में उन्हें शिकस्त दीजिए, इसकी शुरुआत बिहार से ही होनी चाहिए।
हालांकि, जेठमलानी के इस तरह के बयान का वहां पर कुछ पूर्व सैनिकों ने विरोध भी किया, लेकिन उन्हें कार्यक्रम के आयोजकों ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के कैंप का कहकर कार्यक्रम से बाहर निकाल दिया। जेठमलानी के इन बयानों के बाद भाजपा की ओर से भी पलटवार शुरू हो गया। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि नक्सलियों, आतंकवादियों और अपराधियों के केस लड़ने वाले जेठमलानी ऐसी बातें कहकर अब चारा घोटाले के आरोपी को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं।