CSDS सर्वे: गुजरात में कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर, बराबरी पर आई कांग्रेस
गुजरात की सियासी रणभूमि तैयार है। हार-जीत को लेकर पूरे देश की निगाहें इस समय जनादेश पर टिकी हुई हैं। राजनीतिज्ञों के द्वारा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हरसंभव तरीके आजमाए जा रहे हैं, वहीं राजनीतिक पंडितों के द्वारा इस आम चुनाव में जय-पराजय को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
इस बीच चुनावी नतीजों से पहले एबीपी न्यूज के लिए सीएसडीएस की तरफ से किए गए सर्वे ने जनता का रुझान पेश किया है।
इस ओपिनियन पोल के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच जबर्दस्त टक्कर होने वाली है। गुजरात के चारो क्षेत्रों के वोट शेयर को जोड़ा जाए तो भाजपा 43 फीसदी और कांग्रेस भी 43 फीसदी के साथ बराबरी पर हैं। वहीं अन्य के खाते में 14 फीसदी शेयर जा सकते हैं।
सर्वे के मुताबिक भाजपा को 91 से 99 सीटें, तो कांग्रेस को 78 से 86 सीटें और अन्य को 3 से 7 सीटें मिल सकती हैं। इसका मतलब भाजपा मामूली बढ़त के साथ सरकार बनाती दिख रही है।
गुजरात के विभिन्न इलाकों के रुझान को भी सर्वे में दिखाया गया है।
सौराष्ट्र-कच्छ में कौन आगे?
गांव
भाजपा- 43 फीसदी
कांग्रेस- 49 फीसदी
शहर
भाजपा- 46 फीसदी
कांग्रेस- 30 फीसदी
उत्तर गुजरात में कौन आगे?
गांव
भाजपा- 41 फीसदी
कांग्रेस- 56 फीसदी
शहर
भाजपा- 50 फीसदी
कांग्रेस- 41 फीसदी
मध्य गुजरात मेंकौन आगे?
गांव
भाजपा- 43 फीसदी
कांग्रेस- 47 फीसदी
शहर
भाजपा- 35 फीसदी
कांग्रेस- 20 फीसदी
दक्षिण गुजरात में कौन आगे?
गांव
भाजपा- 44 फीसदी
कांग्रेस- 42 फीसदी
शहर
भाजपा- 36 फीसदी
कांग्रेस- 43 फीसदी
हार्दिक-अल्पेश-जिग्नेश की लोकप्रियता
पाटीदार आंदोलन से चर्चा में आए हार्दिक पटेल, दलित आंदोलन के अगुअा जिग्नेश मेवाणी और पिछड़ों की आवाज बनें अल्पेश ठाकोर इस समय गुजरात चुनाव में अहम भूमिका निभा रहे हैं। सूबे की सियासत में इनके प्रभाव को लेकर सबकी दिलचस्पी है। आइए जानते हैं इन नेताओं का उनके समाज के लोगों के बीच कितना प्रभाव है?
हार्दिक पटेल
-अगस्त में 61 फीसदी पटेल समाज हार्दिक पटेल के साथ था।
-अक्टूबर में 64 फीसदी पटेल समाज हार्दिक पटेल के साथ था।
-नवंबर में 58 फीसदी पटेल समाज हार्दिक पटेल के साथ था।
जिग्नेश मेवाणी
-अगस्त में 31फीसदी दलित समाज जिग्नेश मेवाणी
के साथ था।
-अक्टूबर में 37 फीसदी दलित समाज जिग्नेश मेवाणी
के साथ था।
-नवंबर में 43 फीसदी दलित समाज जिग्नेश मेवाणी
के साथ था।
अल्पेश ठाकोर
-अगस्त में 53 फीसदी क्षत्रिय/ठाकोर समाज अल्पेश ठाकोर के साथ था।
-अक्टूबर में 46 फीसदी क्षत्रिय/ठाकोर समाज अल्पेश ठाकोर के साथ था।
-नवंबर में 55 फीसदी क्षत्रिय/ठाकोर समाज अल्पेश ठाकोर के साथ था।
विभिन्न जातियों का रुझान
ओपिनियन पोल के मुताबिक नवंबर माह के अंत तक पटेल समाज भाजपा से 2 प्रतिशत ज्यादा कांग्रेस के साथ, सवर्ण कांग्रेस से 26 प्रतिशत ज्यादा भाजपा के साथ, कोली कांग्रेस से 26 प्रतिशत ज्यादा भाजपा के साथ, दलित भाजपा से 18 प्रतिशत ज्यादा कांग्रेस के साथ, आदिवासी भाजपा से 18 प्रतिशत ज्यादा कांग्रेस के साथ जाते दिखाई दे रहे हैं।
जीएसटी का असर
जीएसटी का असर तो पूरे देश में रहा लेकिन चुनाव के मद्देनजर गुजरात में जीएसटी फैक्टर अलग ही महत्व रखता है। ऐसे में व्यापारियों के रुझान को जानना भी बेहद जरूरी है। ओपिनियन पोल के अनुसार, सूबे के 44 प्रतिशत व्यापारी जीएसटी से नाराज हैं। जबकि 37 फीसदी व्यापारी जीएसटी के समर्थन में हैं। इसे लेकर 40 प्रतिशत व्यापारियों ने भाजपा को वोट करने की बात कही। वहीं 43 प्रतिशत व्यापारी कांग्रेस को वोट देना चाहते हैं।