Advertisement
10 February 2020

केजरीवाल हैट्रिक की ओर, क्या भाजपा को लग गया शाहीन बाग का 'करंट'

देश की राजनीति के मौजूदा दौर में अत्यंत अहम हो चुके दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद आज मतगणना से नतीजे सामने आएंगे और पता चलेगा कि अगले पांच साल दिल्ली में किसकी सरकार चलेगी। हालांकि रूझानों में आम आदमी पार्टी भारी बहुमत की ओर जाती दिखाई दे रही है। मगर कुछ ही घंटों में  यह पूरी तरह साफ हो जाएगा कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का विकासवादी फॉर्मूला चला या फिर एक के बाद एक राज्य के चुनाव हार रही भाजपा हाई वोल्टेज प्रचार का जादू चलाने में कामयाब हुई। वैसे मतदान के बाद सामने आए एक्जिट पोल से केजरीवाल के हैट्रिक लगाने के संकेत मिल चुके थे। हालांकि भाजपा इसे नकारते हुए अब भी जीत का दावा कर रही है।

एक्जिट पोल से आप की जीत के संकेत

करीब एक महीने के चुनाव प्रचार के बाद दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान हुआ तो उसके बाद हर पार्टी ने अपनी जीत के दावे किए। लेकिन एक्जिट पोल से जो तस्वीर सामने आ रही है, उससे आप का दबदबा दिख रहा है। एक्जिट पोल की बात करें तो आप को 44 से 68 तक सीटें मिल सकती है जबकि भाजपा को 9 से 26 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को इस बार भी इकाई में ही सीटें मिलने का अनुमान है।

Advertisement

भाजपा को चौंकाने वाले नतीजों की उम्मीद

लेकिन एक्जिट पोल को नकारते हुए भाजपा अभी भी दावा कर रही है कि जीत उसकी ही होगी और नतीजे चौंकाने वाले होंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का दावा है कि सभी एक्जिट पोल फेल होंगे और 11 तारीख को भाजपा की सरकार बनेगी। मनोज तिवारी के अलावा पार्टी के अन्य नेताओं ने भी एक्जिट पोल के गलत होने का दावा किया है।

मतदान में दोपहर बाद आई थी तेजी, 62.59 फीसदी वोटिंग

दिल्ली में मतदान पर हर किसी की नजर थी, लेकिन शनिवार को हुई वोटिंग की शुरुआत काफी धीमी थी। दोपहर करीब एक बजे तक दिल्ली में वोटिंग का प्रतिशत 30 फीसदी के आसपास ही था लेकिन यह 62.59 फीसदी तक पहुंच गया। चुनाव आयोग ने करीब 22 घंटे बाद मतदान का पूरा आंकड़ा तभी जारी किया, जब विपक्ष ने मतदान का आंकड़ा जारी करने में देरी पर सवाल उठाए।

आप की अलग तरह की राजनीति

एक्जिट पोल और वोटिंग के बाद आज का राजनीतिक परिदृश्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। केजरीवाल तीसरी बार जनादेश पाते दिख रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि उनकी अलग तरह की राजनीति पर इस बार के चुनाव से मुहर लगेगी। आप ने इस बार चुनाव में रियायती बिजली, पानी और परिवहन सेवा के साथ बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे ज्यादा जोर दिया। केजरीवाल चुनावी सभाओं में मतदाताओं से कहते थे कि अगर उन्होंने अपने वादे पूरे किए हैं तो उन्हें वोट दीजिए। आत्मविश्वास से भरे केजरीवाल यह भी कह देते थे कि अगर आपको लगता है कि मैंने वादे पूरे नहीं किए तो मुझे वोट मत दीजिए।

कल्याणकारी नीतियों की तारीफ

उनकी जन कल्याणकारी नीतियों को समर्थन दिल्ली के बाहर से मिला। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनकी इन नीतियों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को सीख दे डाली कि उसे किसी राज्य की अच्छी नीतियों को दूसरे राज्यों में भी लागू करना चाहिए। अगर केजरीवाल फिर से जनादेश पाते हैं तो उनकी इन नीतियों पर न सिर्फ मुहर लगेगी बल्कि आज की राजनीति में उनका कद और बढ़ जाएगा।

अमित शाह की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा के लिए दिल्ली चुनाव पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से कम अहमियत नहीं रखते हैं। यही वजह है कि उसने देश भर से अपने सांसदों के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव प्रचार में झोंक दिया। दरअसल लोकसभा चुनाव में धमाकेदार जीत के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र सहित कई राज्य हाथ निकल जाने के बाद विपक्ष को हावी होने का मौका मिल गया है। अगर दिल्ली चुनाव में उसकी पराजय होती है तो उसके लिए मुश्किल और बढ़ सकती है। इसलिए भाजपा दिल्ली में जीत हासिल करके अपनी स्थिति मजबूत करने की उम्मीद लगाए हुए है। वैसे दिल्ली चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ दो चुनावी रैलियों को सबोधित किया जबकि शाह ने कई रैलियां कीं। भाजपा के नए अध्यक्ष जे. पी. नड्डा की ताजपोशी के बाद हुए इन चुनावों से उनके प्रभाव का आकलन हो सकता है।

शाहीन बाग और सीएए के मायने

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर दिल्ली सहित कई राज्यों में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच हुए इस चुनाव से कई मायने निकाले जाएंगे। अगर भाजपा सत्ता हासिल नहीं कर पाती है तो इस मुददे पर उसके लिए मुश्किल बढ़ सकती हैं। वह इस मुद्दे को पूरे चुनाव प्रचार में जोरदार तरीके से उठाती रही। पहली बात यह है कि उसने इस मुद्दे पर हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का भरपूर प्रयास किया ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके। दूसरे, अगर वह जीत हासिल करती है तो इस मुद्दे पर हो रहे विरोध प्रदर्शन धीमे पड़ सकते हैं। सीएए-एनआरसी के मुददे पर शाहीन बाग ऐसा बिंदु बन गया जिसका भाजपा ने फायदा उठाने का पूरा प्रयास किया।

ऐसे गरमाया चुनावी माहौल

सीएए-एनआरसी के अलावा शाहीन बाग के मुद्दे पर केजरीवाल ने काफी संयमित रुख अपनाया। उन्होंने इसका समर्थन तो किया लेकिन वह शाहीन बाग और जामिया नगर नहीं गए। उन्होंने इस बात का भरपूर प्रयास किया कि यह मुद्दा हिंदू बनाम मुस्लिम न बन जाए। इसके बावजूद भाजपा नेताओं ने उन्हें घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने उन्हें आतंकवादी करार दे दिया। इस पर केजरीवाल ने सहानुभूति पाने की कोशिश। उन्होंने कहा कि लोगों की बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधारने के लिए काम करना क्या आतंकवाद है।

क्या दिल्ली देश की राजनीति को दिशा देगी

चुनाव प्रचार के दौरान माहौल समय-समय इतना गरम हो गया कि चुनाव आरोप-प्रत्यारोप और दूसरी शिकायतों को लेकर भाजपा और आप दोनों ही बार-बार चुनाव आयोग के सामने शिकायतें लेकर पहुंच गए। भाजपा नेताओं के आपत्तिजनक बयानों पर आयोग ने कड़ा रुख अपनाया और कई नेताओं को चेतावनी देने के साथ कुछ मामलों में चुनाव प्रचार से प्रतिबंधित भी किया। दूसरी ओर, केजरीवाल उस समय घिर गए जब उन्होंने प्रचार के दौरान कोर्ट परिसर में मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा कर दिया। इस पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया। अब देखना यह होगा कि हाई वोल्टेज प्रचार और वोटिंग के बाद अब नतीजे क्या आते हैं और दिल्ली के लोग किसे जनादेश देते हैं, उससे ही दिल्ली और देश की राजनीति की दिशा तय होगी।

बता दें कि इस बार आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। वहीं, भाजपा ने 67 और कांग्रेस ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवारे थे। दिल्ली चुनाव में कुल 672 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, इसमें 593 पुरुष और 79 महिला उम्मीदवार शामिल थीं।  2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने 67 और भाजपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Delhi Assembly Election, vote counting, delhi election result, AAP, BJP, Amit Shah, Arvind kejriwal, PM modi
OUTLOOK 10 February, 2020
Advertisement