जानिए, दिल्ली में भाजपा ने ऐसा क्या किया जो खिल गया कमल
आखिर भाजपा जनता का समर्थन लेने में कैसे रही कामयाब, गौर करें इन वजहों परः
भाजपा का समीकरण
मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पूर्वांचल के वोटर के बीच पकड़ बनाने की शुरूआत कर दी थी। देखा गया कि 2015 के चुनाव में पूर्वांचली लोगों का अधिकतर वोट आम आदमी पार्टी के साथ गया गया था। पूर्वांचल के 38 उम्मीदवारों को टिकट देकर पूर्वांचली मतदाताओं को अपने पाले में लिया। पार्टी से 21 नेताओं को निष्कासित कर कड़ा संदेश दिया। साथ ही मनोज तिवारी ने नव वर्ष और वेलेंटाइन डे जैसे महत्वपूर्ण दिनों में झुग्गियों और गरीबों के बीच रहकर गरीब समर्थक होने का संदेश दिया। पुराने सभी पार्षदों के टिकट काटकर भाजपा खुद को बदले हुए स्वरूप में पेश कर पाने में सफल रहा। हालांकि भाजपा ने निगम की उपलब्धि पर कम और मोदी सरकार के नाम पर वोट मांगने का निश्चय किया जबकि आम आदमी पार्टी मोहल्ला क्लीनिक और ईवीएम गड़बड़ी जैसे झंझावतो में फंसी रही।
मुद्दों की बजाय मोदी पर जोर
इस चुनाव में यह देखा गया कि प्रधानमंत्री मोदी को ही भाजपा ने प्रस्तुत किया। उनके द्वारा देश में किए जा रहे काम-काज को ही जनता के बीच ले जाया गया। भाजपा शासित एमसीडी में अनेक नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। यह भी आरोप लगते रहे कि साफ-सफाई और अन्य मामलों में कोई खास काम नहीं हुआ। आरोपों के चलते मौजूदा 153 पार्षदों को टिकट न देना भी भाजपा के पक्ष में गया। हालाकि पार्टी में इस फैसले को लेकर खासा विरोध भी झेलना पड़ा।
हालिया चुनावों का असर
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन भी एक वजह मानी जा सकती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा में मिली प्रचंड जीत ने माहौल को भाजपा के पक्ष में कर दिया। राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव में मिली बड़ी जीत ने उस लहर को और भी बल दिया। जमीनी स्तर पर कार्यकर्तांओं का काम भी अहम रहा।
केंद्रीय मंत्री डा हर्षवर्धन ने जीत के लिए दिल्लीवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत मोदी की नीतियों की जीत है। देश के साथ दिल्ली का विकास की इसी तर्ज पर हो यही मोदी की कल्पना है और इस यज्ञ में अपनी आहुति देकर लोगों ने समर्थन जताया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि इन चुनाव नतीजे से साफ संदेश है कि जनता विवाद नहीं, विकास चाहती है। शासन के विभिन्न स्तरों के प्रशासन में जनता परस्पर सहयोग चाहती है। दिल्ली के परंपरागत मतदाताओं ने पूरा समर्थन दिया।